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डेयरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में वित्त वर्ष 2020-21 में 10% बढ़ोत्तरी का अनुमानः Ind-Ra

सहकारी और स्थापित निजी डेयरी कंपनियां अपने नेटवर्क के किसानों से लगातार दूध खरीद रही हैं।

By Ankit KumarEdited By: Updated: Mon, 18 May 2020 07:58 PM (IST)
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डेयरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में वित्त वर्ष 2020-21 में 10% बढ़ोत्तरी का अनुमानः Ind-Ra
मुंबई, एएनआई। चालू वित्त वर्ष में मैन्युफैक्चर्ड डेयरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 10 फीसद की वृद्धि का अनुमान है। India Ratings and Research (Ind-Ra) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में मैन्युफैक्चर्ड डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़कर 2.83 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 2.56 लाख करोड़ रुपये का रहा था। अनाज, दाल और ब्रेड के साथ-साथ दूध और इससे बने उत्पादों का इस्तेमाल घर में बहुतायत में देखने के मिलता है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2011-12 से वित्त वर्ष 2017-18 के बीच कुल घरेलू खर्च में दूध और दुग्ध उत्पादों की हिस्सेदारी औसतन 21 फीसद के आपसपास रही। 

Ind-Ra का कहना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों को लेकर पैदा हुए व्यवधान के कारण होटल, रेस्टोरेंट, बेकरी और मिठाई की दुकानें तो बंद हैं लेकिन घरेलू मांग की वजह से दूध, मक्खन, क्लारिफाइड मक्खन और चीज जैसी चीजों की मांग को मजबूती मिलने की उम्मीद है।  

संगठित सहकारी और कॉरपोरेट सेक्टर के डेयरी नेटवर्क से बाहर दूध की आपूर्ति करने वाले छोटे किसानों की आय लॉकडाउन की वजह से प्रभावित होने की आशंका जताई गई है। हालांकि, सहकारी और स्थापित निजी डेयरी कंपनियां अपने नेटवर्क के किसानों से लगातार दूध खरीद रही हैं। अतिरिक्त दूध का इस्तेमाल स्किम्ड मिल्क पाउडर, घी और अन्य प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स के उत्पादन के लिए किया जा रहा है। 

लॉकडाउन के पहले चरण में सहकारी डेयरी संस्थाओं द्वारा दूध की खरीद में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। लॉकडाउन के पहले चरण में इन संस्थाओं द्वारा दूध की खरीद बढ़कर 5.6 करोड़ लीटर प्रतिदिन हो गई। मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 5.1 करोड़ लीटर प्रतिदिन पर था। 

भारत में तेजी से हो रहे विकास और शहरीकरण को देखते हुए डिमांड की पूर्ति के लिए दूध के उत्पादन में वृद्धि जरूरी है। Ind-Ra का अनुमान है कि दूध का उत्पादन चालू वित्त वर्ष में 20.8 करोड़ टन हो जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 में यह आंकड़ा 19.8 करोड़ टन का था।