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RBI Annual Report: चालू वित्त वर्ष 2025 में 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी भारतीय इकोनॉमी, GDP ग्रोथ को लेकर आरबीआई ने लगाया अनुमान

GDP Growth भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वार्षिक रिपोर्ट (RBI Annual Report 2023-24) पेश की। इस रिपोर्ट में बैंक ने भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ को के बढ़ने की उम्मीद जताई है। बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 30 May 2024 12:04 PM (IST)
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चालू वित्त वर्ष 2025 में 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी भारतीय इकोनॉमी

एजेंसी, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज अपनी वार्षिक रिपोर्ट (RBI Annual Report 2023-24) पेश की है। इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि चालू कारोबारी साल में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से बढ़ने की संभावना है।

केंद्रीय बैंक के रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023024 से भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिली है। देश की कल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पिछले वर्ष के 7.0 प्रतिशत से बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई। लगातार तीन साल से सकल घरेलू उत्पाद में तेजी आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर समान रूप से संतुलित जोखिम के साथ 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद वित्त वर्ष 24 में लचीलापन दिखाया।

आरबीआई ने MSP को लेकर क्या कहा?

रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि पिछले कारोबारी साल 2023-24 के खरीफ और रबी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सभी फसलों की उत्पादन लागत पर 50 फीसदी का न्यूनतम रिटर्न सुनिश्चित किया है। पिछले कारोबारी साल यानी 31 मार्च, 2024 को खाद्यान्न का कुल सार्वजनिक स्टॉक कुल तिमाही बफर मानक का 2.9 गुना था।

पिछले साल 29 नवंबर, 2023 को सरकार ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की योजना को 1 जनवरी, 2024 से पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया।

आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की एक वैधानिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों को असमान और कम दक्षिण-पश्चिम मानसून (एसडब्ल्यूएम) वर्षा के साथ-साथ मजबूत अल नीनो स्थितियों के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।