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RBI Bulletin: फिर बढ़ सकती है महंगाई, रिजर्व बैंक के बुलेटिन में क्यों कही गई यह बात?

रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने अप्रैल बुलेटिन में महंगाई बढ़ने का अंदेशा जताया है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि मौसम की विषम परिस्थितियां कृषि उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही दुनिया कई हिस्सों में भूराजनीतिक तनाव भी काफी लंबा खिंच गया है। इससे क्रूड ऑयल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव लगा रहेगा। इन सबका महंगाई पर बुरा असर पड़ेगा।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 23 Apr 2024 05:35 PM (IST)
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भूराजनीतिक तनाव लंबा खिंचने से बढ़ेगी परेशानी।
पीटीआई, मुंबई। रिजर्व बैंक (RBI) के अप्रैल बुलेटिन में महंगाई बढ़ने का अंदेशा जताया है। इसमें कहा गया है कि मौसम की विषम परिस्थितियां कृषि उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, दुनिया कई हिस्सों में भूराजनीतिक तनाव भी काफी लंबा खिंच गया है। इससे क्रूड ऑयल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव लगा रहेगा। इन सबका महंगाई पर बुरा असर पड़ेगा।

महंगाई पर रहती है RBI की नजर

मार्च में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर रिटेल इंफ्लेशन में मामूली गिरावट देखने को मिली। यह दो महीनों तक औसतन 5.1 फीसदी रहने के बाद मार्च में घटकर 4.9 फीसदी हो गई। रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में CPI डेटा को काफी अहमियत देता है।

इसने मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं का हवाला देते फरवरी 2023 से प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया और यह 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बदलाव करने के लिए महंगाई के काबू में आने का इंतजार करेगा।

जीडीपी ग्रोथ अच्छी रहने का अनुमान

RBI के बुलेटिन में छपे 'State of the Economy' पर लेख में कहा गया है कि 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक विकास की गति बरकरार रही है। साथ ही, विश्व व्यापार के लिए नजरिया सकारात्मक हो रहा है। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में ट्रेजरी यील्ड और बॉन्ड रेट बढ़ रहे हैं, क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो रही हैं।

लेख में कहा गया है, 'भारत में रियल जीडीपी ग्रोथ जारी रहने के पक्ष में माहौल बन रहा है। यहां निवेश की अच्छी डिमांड है। बिजनेस और कंज्यूमर सेंटिमेंट भी काफी अच्छा है।' हालांकि, आरबीआई ने कहा कि बुलेटिन लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और वे हमारे विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

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