RBI Dividend के बाद सरकार ले सकती है बड़ा फैसला, रेटिंग फर्म ने कहा- बड़े विनिवेश...
भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत सरकार को 2.1 लाख रुपये का डिविडेंड देने का एलान किया है। आरबीआई के बंपर डिविडेंड के एलान के बाद सरकार के विनिवेश को लेकर केयर रेटिंग फर्म ने रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि नई सरकार विनिवेश से प्राप्तियों पर अंतरिम बजट के 50000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को बरकरार रख सकती है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत सरकार को 2.1 लाख रुपये का डिविडेंड देने का एलान किया है। इस एलान के बाद जहां एक तरफ सरकार को बढ़ा लाभ हुआ है। वहीं, दूसरी केयर रेटिंग फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार इसके बाद बड़े विनिवेश के फैसले को थोड़े समय के लिए टाल सकती है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नई सरकार विनिवेश से प्राप्तियों पर अंतरिम बजट के 50,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को बरकरार रखेगी।रेटिंग एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई से बंपर लाभांश के साथ केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति आरामदायक बनी हुई है। ऐसे में सरकार बड़े विनिवेश के साथ आगे बढ़ने की तात्कालिकता को सीमित कर सकती है। अगर संसाधन अभिवृद्धि में कमी आती है तो सरकार परिसंपत्ति मुद्रीकरण (Asset Monetisation) को प्राथमिकता देगी।
सरकार बेच सकती है SCI की हिस्सेदारी
एजेंसी ने कहा कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) की बिक्री होने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार के लिए वित्त वर्ष 2025 के लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाएगा।रिपोर्ट के मुताबिक शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) की भूमि संपत्तियों के विलय के बाद, इसका संभावित विनिवेश वित्त वर्ष 2025 में होने की संभावना है। अगर सरकार एससीआई में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच देती है, तो यह 12,500-22,500 करोड़ रुपये उत्पन्न कर सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार सरकार 51 फीसदी से कम हिस्सेदारी हासिल किए बिना सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर 11.5 लाख करोड़ रुपये जुटा सकती है। पिछले दस वर्षों में सरकार ने विनिवेश पहल से 5.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।यह भी पढ़ें- Railway Share: रॉकेट बना रेलवे सेक्टर का ये स्टॉक, 1 साल में ही दिया 200+ रिटर्न