Year Ender 2023 इस साल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फाइनेंशियल के साथ टेक्नॉलजी सेक्टर में कई अहम मुद्दों पर फैसला लिया है। यह फैसला देश में डिजिटल युग को शुरू करने और देश की आर्थिक स्थिति को सही करने में मदद करेगा। आइए जानते हैं कि वर्ष 2023 में Fintech सेक्टर को लेकर आरबीआई द्वारा कौन-स अहम फैसले लिए गए हैं।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Fri, 22 Dec 2023 01:46 PM (IST)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वर्ष 2023 में Fintech सेक्टर के लिए काफी अच्छा रहा है। टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सेक्टर में रोज कुछ नई गतिविधियां होती रहती है। आज के डिजिटल युग को विकसित करने के लिए फिनटेक सेक्टर (Fintech Sector) का बड़ा योगदान है। इस सेक्टर के विकास के लिए आरबीआई द्वारा कई अहम कदम उठाए गए हैं।
आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिये जानते हैं कि वर्ष 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक ने फिनटेक सेक्टर के लिए कौन-से अहम फैसले लिए हैं।
डिजिटल लोन
कुछ साल पहले लोगों को लोन लेने में जहां दिक्कत का सामना करना होता था, वहीं आज कुछ मिनटों में लोगों को लोन मिल जाता है। केंद्रीय बैंक ने डिजिटल लोन (Digital Loan) के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। डिजिटल लोन के लिए आरबीआई ने हाल में ही एफएलडीजी (FLDG) दिशानिर्देशों को जारी किया है। इन निर्देशों में बैंक ने डिफॉल्टर (Defaulter) उधारकर्ता की संभावना को कम करने के लिए भी फैसला लिया है।
आपको बता दें कि इस निर्देश के जारी होने के बाद डिजिटल लोन का एक ओर बढ़ावा मिला है तो दूसरी तरफ देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के बढ़ने की संभावनाएं भी ज्यादा हुई है। आरबीआई ने फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी (FLDG) को भी मंजूरी दे दी है। यह डिफॉल्ट उधारकर्ताओं से हो रहे नुकसान की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है।
यह भी पढ़ें- RBI Digital Currency: 1 साल का हुआ E-Rupee, कुछ ऐसा रहा डिजिटल करेंसी का सफर
देश के बाहर पहुंचा यूपीआई
अब भारत के साथ कई बाहरी देशों में भी हम यूपीआई के जरिये आसानी से ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NPCIPL) ने सिंगापुर, यूएई, मॉरीशस, नेपाल और भूटान के साथ कई और देशों में यूपीआई (
UPI) पेमेंट के लिए साझेदारी की है। इस साझेदारी के बाद भारतीय आसानी से डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा यह देश के करेंसी ट्रांजेक्शन के लिए लगने वाली लागत को भी कम किया है।
यूपीआई की सराहना करते हुए बिल गेट्स (Bill Gates) ने सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल (Singapore Fintech Festival) में कहा कि भारत ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया है। वहीं बैंक के साथ स्मार्टफोन के ऐप से आसानी से रुपये का लेनदेन हो जाता है। इसके अलावा वहां सभी वर्ग तक डिजिटल पेमेंट पहुंच गया है। अब हर वर्ग आराम से बड़ी लेनदेन के साथ छोटी पेमेंट के लिए यूपीआई कर सकते हैं।
डिजिटल करेंसी
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ई-रुपी (
E-Rupee) लॉन्च किया। यह डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में कारगर साबित हुआ है। आपको बता दें कि ई-रुपी बैंक की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) है। डिजिटल करेंसी ने डिजिटल युग में एक तरह से क्रांति ला दी है। देश में डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने 1 दिसंबर 2022 को पायलट प्रोग्राम (Pilot Program) शुरू किया था। इस प्रोग्राम में खुदरा डिजिटल रुपया या ई-रुपी को सीबीडीसी के लिए शुरू किया गया था।
ई-करेंसी को बढ़ावा देने के लिए बैंक-टू-बैंक या क्रेडिट-टू-बैंक यूपीआई पेमेंट को भी स्वीकृति दी है। अब ग्राहक यूपीआई स्कैन करके आसानी से सीबीडीसी वॉलेट (CBDC Wallet) से भी ई-रुपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
देश के बाहर कर सकते हैं पेमेंट
भारतीय रिजर्व बैंक ने एग्रीगेटर क्रॉस-बॉर्डर (PA-CB) लाइसेंस के लिए भी नियम जारी किये हैं। इसमें अब देश के बाहर भी भुगतान किया जा सकता है। अब आयात के साथ निर्यात के लिए भी पेमेंट किया जा सकता है। यह विदेश तक व्यापार को विकसित करने के साथ ही देश की करेंसी को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है।
आपको बता दें कि आरबीआई ने फिनटेक नियामक ढांचा बनाया है। यह रिपॉजिटरी अप्रैल 2024 से लागू हो जाएगा। इल रिपॉजिटरी को आरबीआई इनोवेशन द्वारा चलाया जाएगा। केंद्रीय बैंक फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में विकास के लिए बैंक के साथ कई वित्तीय कंपनियों से साझेदारी कर रही है।
यह भी पढ़ें- 7 years of demonetisation: UPI को मिला जबरदस्त बूस्ट, नकद लेनदेन के साथ डिजिटल ट्रांजेक्शन में आई तेजी