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RBI MPC Meeting: हर दो महीने में क्यों होती है एमपीसी बैठक, Repo Rate का कैसे पड़ता है आम जनता पर असर; यहां जाने जवाब

RBI MPC Meeting Update हर दो महीने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा बैठक (RBI MPC Meeting) होती है।  इस बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर करते हैं। इस बैठक में समिती द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर कई अहम फैसले लिए जाते हैं। बैठक में लिए गए फैसलों का असर आम जनता पर पड़ता है। यहां पढ़ें पूरी खबर..

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 03 Apr 2024 11:59 AM (IST)
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RBI MPC Meeting: हर दो महीने में क्यों होती है एमपीसी बैठक
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। RBI Monetary Policy Latest Update: वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) की भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meet) की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू होगी। इस बैठक में लिए गए फैसलों का एलान 5 अप्रैल 2024 को आरबीआई गवर्नर द्वारा किया जाएगा।

आरबीआई मौद्रिक समीक्षा बैठक हर दो महीने में होती है। वित्त वर्ष 2024-25 की ये पहली बैठक है। इस बैठक में समिती कई अहम निर्णय लेती है। इन फैसलों का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है।

आरबीआई एमपीसी बैठक में लोगों की नजर रेपो रेट पर रहती है। रेपो रेट में बढ़ोतरी या फिर कटौती का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है। कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर हर दो महीने के बाद यह बैठक क्यों होती है और इस बैठक का पब्लिक के साथ क्या कनेक्शन है?

क्यों होती है हर दो महीने में एमपीसी बैठक?

देश में महंगाई कभी भी बढ़ जाती है। ऐसे में जब भी महंगाई बढ़ती है तो मार्केट में कुछ चीजों की डिमांड में बढ़ जाती है। ऐसे में सप्लाई और डिमांड को बैलेंस करने के लिए रिजर्व बैंक समय-समय पर बैठक करता है। इस बैठक को ही एमपीसी मीटिंग कहते हैं। इस मीटिंग में समिति रेपो रेट में बदलाव को लेकर चर्चा करती है।

एमपीसी बैठक तीन दिन चलती है। तीसरे दिन रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया जाता है। नियमों के अनुसार केंद्र बैंक को 1 वित्त वर्ष में 4 बार एमीपीसी बैठक करना अनिवार्य है। एमपीसी बैठक कब और कितने अंतराल में होगी इसका निर्णय समिति द्वारा लिया जाता है।

अगर किसी वर्ष समिति एक साल में 4 से ज्यादा बार बैठक करने का फैसला लेती है तो उसे एक नोटिफिकेशन जारी करना होता है। इस नोटिफिकेशन में समिति बताती है कि वह कब-कब एमपीसी बैठक करेगी।

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रेपो रेट में क्यों होता है बदलाव

देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्र बैंक रेपो रेट में बदलाव करता है। रेपो रेट वह दर होता है जिस दर पर केंद्र बैंक अन्य बैंक को कर्ज देता है।

जब भी महंगाई ज्यादा हो जाती है तो अर्थव्यवस्था में मना फ्लो को कम करने के लिए बैंक रेपो रेट को बढ़ा देता है। वहीं, अगर देश की इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तब रेपो रेट में कटौती करके मनी फ्लो को बढ़ा दिया जाता है।

आरबीआई ने फरवरी 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था। इसके बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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