वित्त वर्ष 23 में 6.8 फीसद रहेगी GDP, मार्च 2023 तक 6 प्रतिशत हो सकती है मुद्रास्फीति: आरबीआई
विश्व बैंक ने मंगलवार को 2022-23 के लिए भारत के लिए अपने जीडीपी अनुमान को संशोधित कर 6.9 प्रतिशत कर दिया। आज मौद्रिक नीति दरों की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा है कि जीडीपी की विकास दर 6.8 फीसद रहेगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.8% फीसद हो सकती है। आरबीआई ने अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर 4.4% कर दिया है। जनवरी-मार्च 2023 के लिए जीडीपी विकास दर का 4.2% हो कर दी गई है। जबकि FY23 के लिए GDP विकास का अनुमान 7% से घटाकर 6.8% कर दिया गया है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों का एलान करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट को 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया, ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके। आपको बता दें कि महंगाई की दर पिछले 11 महीनों से आरबीआई के सहनशीलता के स्तर से ऊपर बनी हुई है। नवीनतम बढ़ोतरी के साथ रेपो दर या अल्पकालिक उधार दर 6 प्रतिशत को पार कर गई है। आपको बता दें कि रेपो, वह दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं।
महंगाई पर ये है अपडेट
आरबीआई ने अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है। जनवरी-मार्च 2023 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 5.8% से बढ़कर 5.9% हो गया, जबकि अप्रैल-जून 2023 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 5.0% पर बरकरार है। RBI गवर्नर ने कहा कि जुलाई-सितंबर 2023 में CPI मुद्रास्फीति 5.4% रही।
जारी है अर्थव्यवस्था में सुधार
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि हमारे सर्वेक्षणों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म आउटलुक को लेकर आशावादी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि नवंबर में भारत की मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई दुनिया में सबसे ज्यादा है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था का कोर मजबूत बना हुआ है।
आर्थिक विकास में गिरावट के बावजूद, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नवीनतम द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। आरबीआई ने सितंबर में अपने विकास अनुमान को पार कर लिया है।
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