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RBI Gold Reserve: भारत और चीन ने बढ़ाई सोने की खरीद, क्या किसी बड़े आर्थिक संकट से निपटने की हो रही तैयारी?

मार्च में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीद बढ़ाई है। RBI ने 5 टन गोल्ड खरीदा और उसका गोल्ड भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। RBI ने पिछले साल सिर्फ 16.2 टन सोना खरीदा था। वहीं इस साल वह अब तक वह 18.5 टन गोल्ड खरीद चुका है। चीन के केंद्रीय बैंक ने भी सोने की खरीद बढ़ाई है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 04 May 2024 03:25 PM (IST)
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RBI ने पिछले साल सिर्फ 16.2 टन सोना खरीदा था।
एएनआई, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मार्च में 5 टन गोल्ड खरीदा है। इस दौरान दुनिया भर के अन्य केंद्रीय बैंकों ने भी अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के मुताबिक, मार्च में सोने की शुद्ध खरीदारी 16 टन रही। सोने की भारी डिमांड के चलते कुल खरीद 40 टन से अधिक रही। हालांकि, इस दौरान करीब 25 टन सोना बेचा भी गया।

उच्चतम स्तर पर गोल्ड रिजर्व

भारत की बात करें, तो रिजर्व बैंक का गोल्ड भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अप्रैल की शुरुआत में RBI के पास 822.1 टन गोल्ड था। इसका मतलब कि इस केंद्रीय बैंक ने 18.5 टन सोने की शुद्ध खरीद की है। RBI ने पिछले साल सिर्फ 16.2 टन सोना खरीदा था। वहीं, इस साल की पहली छमाही खत्म होने से पहले ही वह इससे ज्यादा गोल्ड खरीद चुका है।

दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने मार्च के दौरान सोने की खरीद बढ़ाई। इसमें खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाओं (Emerging Markets) की हिस्सेदारी अधिक रही।

तुर्किये ने खरीदा सबसे ज्यादा सोना

मार्च में सेंट्रल बैंक ऑफ तुर्किये सोने का सबसे बड़ा खरीदार रहा। उसने अपने गोल्ड रिजर्व में 14 टन का इजाफा किया है। भारत के रिजर्व बैंक ने अपनी गोल्ड होल्डिंग को 5 टन बढ़ाया है। वहीं, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने भी अपने गोल्ड रिजर्व में 5 टन और जोड़ा है। अन्य बड़े खरीदारों में कजाकिस्तान और सिंगापुर रहे। दोनों ने अपने सोने के भंडार को 4-4 टन बढ़ाया है। वहीं, रूस ने भी मार्च में 3 टन सोना खरीदा है।

केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद बढ़ाने से पता चलता है कि उनका इस कीमती धातु में भरोसा बना हुआ है, क्योंकि इससे आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने में मदद मिलती है। सोने को हमेशा से सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है। खासकर, जब मार्केट ज्यादा अस्थिर होता है और मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ता है, तो इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में दुनिया भर में सोने की मांग सालाना आधार पर 3 फीसदी बढ़ी है। यह गोल्ड डिमांड के लिहाज से 2016 के बाद सबसे मजबूत पहली तिमाही है।

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