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RBI गवर्नर ने Cryptocurrency को लेकर चेताया, कहा- अगले वित्तीय संकट की बन सकती है वजह

Private Cryptocurrency को वित्तीय संकट के रूप में देखा जा रहा है। RBI गवर्नर ने इसे सट्टा उपकरण मानते हुए चेतावनी जारी की हैऔर कहा है कि इन पर रोक लगनी चलिए। उनके मुताबिक अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से शुरू हो सकता है।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Wed, 21 Dec 2022 05:18 PM (IST)
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RBI Governor Warns About Private Cryptocurrencies, See Full Details

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल मनी के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्‍टोरेंसीज को लेकर एक बड़ा बयान जारी किया है। दास ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस तरह के सट्टा उपकरणों को बढ़ने दिया गया तो अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से शुरू हो सकता है। इस कारण उन्होंने बिटकॉइन जैसे टोकन पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कही है।

RBI गवर्नर ने बताया बड़ा खतरा

उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से बड़े जोखिम पैदा हो सकते हैं और हम हमेशा इसके बारे में सजग करते आ रहे हैं। अपनी बात का समर्थन करते हुए उन्होंने पिछले एक साल के घटनाक्रम का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि कैसे क्रिप्टोकरेंसी के कारण एक्सचेंज एफटीएक्स पूरी तरह से क्रैश कर गया था। इसे यूएस के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक कहा जाता है। इस तरह की घटनाएं आने वाले खतरे को दर्शाते हैं। 

लगातार गिर रहे क्रिप्टोकरेंसी के रेट

निजी क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यूएशन लगातार गिर रहा है। क्रिप्टोकरेंसी का नेटवर्थ 190 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 140 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है। इस पर बात करते हुए दास ने कहा कि इन सब घटनाओं के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है।

प्रतिबंध लगाने की मांग

दास ने अपने बयान में आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से सट्टा गतिविधि है। उन्होंने इसपर प्रतिबंधित लगाने का विचार रखा। उनके हिसाब से अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा।

उन्होंने कहा कि अलग-अलग क्षेत्राधिकार वाली संस्थाएं इस पर अपने हिसाब से अलग-अलग रुख अपना रही हैं, लेकिन आरबीआई उन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के अपने रुख पर कायम रहना चाहेगा। बता दें कि दास ऐसे टोकन उपकरणों के कट्टर विरोधी रहे हैं।

दास ने कहा कि वे सिस्टम को बेहतर और अच्छी तरह काम करने वाला बनाना चाहते हैं। उन्हें अभी तक कोई भी विश्वसनीय तर्क नहीं मिला है जो इस तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा जनता की भलाई को दिखा सके।

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