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NBFC कंपनियां मजबूत करें गर्वेंनेंस स्टैंडर्ड और बैलेंसशीट - RBI, रिस्क मैनेजमेंट को लेकर भी दी सलाह

RBI की ओर से बुलाई गई इस बैठक में चुनिंदा बड़ी एनबीएफसी कंपनियों के एमडी और सीईओ के मुलाकात की गई। इस बैठक में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ सरकारी एनबीएफसी कंपनियां भी शामिल हुई थीं। बैंठक में बैलेस शीट प्रोविजन कवर जोखिम वाले लोन की मॉनिटरिंग लिक्विडिटी और एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट को मजबूत करने को लेकर भी चर्चा हुई।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Fri, 25 Aug 2023 06:16 PM (IST)
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आरबीआई की ओर से बुलाई गई इस बैठक में कई बड़े अधिकारी शामिल हुए थे।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) से कहा कि गर्वेंनेंस स्टैंडर्ड और एश्योरेंस मिकेनिजम को मजबूत बनाया जाए।

आरबीआई गवर्नर की ओर से चुनिंदा बड़ी एनबीएफसी कंपनियों के एमडी और सीईओ के मुलाकात की गई। इस बैठक में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ सरकारी एनबीएफसी कंपनियां भी शामिल हुई थीं। इन सभी एनबीएफसी कंपनियों की एसेट्स कुल एसेट्स के 50 प्रतिशत के करीब है।

बैठक में डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और स्वामीनाथन जे और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के प्रबंध निदेशक एसके होता के अलावा आरबीआई के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

गैर- बैंकिंग क्षेत्र में सेवाएं दे रहा सेक्टर

गवर्नर की ओर से इस सेक्टर द्वार गैर-बैंकिंग सुविधाओं वाले क्षेत्र और पिछड़े इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकारा। साथ ही दास द्वारा एबीएफसी और एचएफसी कंपनियों को अच्छे समय में अलर्ट रहने के लिए कहा गया।

केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गवर्नर ने बताया है कि हमें इस सेक्टर में गर्वेनेंस स्टैंडर्ड, एश्योरेंस मिकेनिजम, रिस्क मैनेजमेंट,इंटरनल ऑडिट को और मजबूत करना है। इस बैठक में एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के रिसॉर्स में विविधता लाना है और बैंक से कर्ज लेने पर विश्वास पैदा करना है।

बैंठक में बैलेस शीट, प्रोविजन कवर, जोखिम वाले लोन की मॉनिटरिंग, लिक्विडिटी और एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट को मजबूत करने को लेकर भी चर्चा हुई।

क्या है एनबीएफसी कंपनी?

एनबीएफसी कंपनी का पूरा नाम नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी होता है। इन कंपनियों की ओर से बैंकों की तरह ही लोन दिया जाता है, लेकिन ये कंपनियां जमा नहीं स्कीकार करती है। गोल्ड लोन, हाउस लोन और अन्य प्रकार के लोन देने के आधार पर इन्हें अलग-अलग वर्गीकृत किया गया है।