RBI ने Banks और NBFC पर लगाया 40 करोड़ का जुर्माना, जानिए क्या है वजह
RBI ने नियमों के उल्लंघन के आरोप में 2022-23 में बैंकों गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और अन्य संस्थाओं पर 40.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसको लेकर वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी।
आईएएनएस, नई दिल्ली। नियमों के उल्लंघन के आरोप में आरबीआइ ने 2022-23 में बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और अन्य संस्थाओं पर 40.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने कहा कि सहकारी बैंकों से संबंधित 176 मामले हैं, जिसमें 14.04 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
निजी क्षेत्र के बैंकों पर 12.17 करोड़ रुपये, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) पर 3.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। विदेशी बैंकों पर 4.65 करोड़ रुपये और एनबीएफसी पर 4.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। आइए, इसके पीछे वजह के बारे में जान लेते हैं।
राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी सरकार
वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार को विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में विनिवेश से लगभग 10,050 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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जब उनसे यह पूछा गया कि निजीकरण में देरी से चालू वित्त वर्ष में सरकार के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इस पर उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा कुल व्यय और कुल गैर ऋण प्राप्तियों जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।
चार सालों में 2,980 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तलाशी ली
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि आयकर विभाग ने चार वर्षों के दौरान 2,980 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तलाशी ली और 5,095.45 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। 2019-20 में 984 समूहों की तलाशी ली गई ओर 1,289 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। 2020-21 में 569 कंपनियों की तलाशी ली गई और 881 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
2021-22 में 686 समूहों की तलाशी ली गई और 1,159.59 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। 2022-23 के दौरान 741 समूहों की तलाशी ली गई और 1765.56 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई और 97 लोगों पर मुकदमा चलाया गया।
2022-23 में 7.40 करोड़ से अधिक लोगों ने दाखिल किया ITR
वित्त वर्ष 2022-23 में 7.40 करोड़ से अधिक लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया। हालांकि 5.16 करोड़ पर किसी तरह की कर देनदारी नहीं बनती थी। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों में दाखिल रिटर्न की संख्या में वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2018-19 में आइटीआर दाखिल करने वालों की संख्या 6.28 करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 6.47 करोड़ और 2020-21 में 6.72 करोड़ हो गई।
वित्त वर्ष 2021-22 में दाखिल किए गए रिटर्न की संख्या बढ़कर 6.94 करोड़ से अधिक हो गई। पिछले चार वर्षों के दौरान जिन व्यक्तियों की कर देनदारी शून्य बनती थी, उनकी संख्या वित्त वर्ष 2019-20 में 2.90 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 5.16 करोड़ हो गई है।
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