खाद्य पदार्थों की कीमतों के दबाव की वजह से महंगाई से नहीं मिल रही राहत, RBI ने जारी किया मार्च बुलेटिन
भारतीय रिजर्व बैंक हर महीने बुलेटिन प्रकाशित करती है। आरबीआई का मार्च बुलेटिन जारी हो गया है। इस बलेटिन में State of Economy नाम के आर्टिकल में कहा गया है कि देश में खाद्य पदार्थ की कीमतों में तेजी ने महंगाई ने दर में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट को रोक दिया है। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मार्च बुलेटिन जारी कर दिया है। इस बुलेटिन में 'State of Economy' नाम के एक आर्टिकल में महंगाई दर में गिरावट को लेकर संकेत दिया है।
लेख में कहा गया कि खाद्य कीमतों की तेजी आने की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के आसार कम दिख रहे हैं। आरबीआई ने पहले खुदरा महंगाई दर में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट का लक्ष्य रखा था जो अब दूर लग रही है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर से गिरावट पर है। फरवरी में 2024 में रिटेल इन्फ्लेशन 5.09 फीसदी थी।
बता दें कि यह आर्टिकल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम द्वारा लिखा गया है।
इस लेख में कहा गया कि
भले ही मुख्य महंगाई में व्यापक आधार पर नरमी के साथ महंगाई ढलान पर है। लघु आयाम वाले खाद्य मूल्य दबावों की बार-बार होने वाली घटनाएं हेडलाइन मुद्रास्फीति में 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर तेजी से गिरावट को रोकती हैं।
इस लेख में आगे कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गति खो रही है, कुछ सबसे लचीली अर्थव्यवस्थाओं में विकास धीमा हो रहा है और उच्च आवृत्ति संकेतक आने वाले समय में और अधिक स्तर की ओर इशारा कर रहे हैं।भारत में, वित्तीय वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ छह-तिमाही के उच्चतम स्तर पर थी। यह मजबूत गति, मजबूत अप्रत्यक्ष करों और कम सब्सिडी द्वारा संचालित थी।
लेख में कहा गया है कि हेल्थ कॉर्पोरेट और बैंक बैलेंस शीट आगे चलकर विकास को गति देने वाली ताकतें होंगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बुलेटिन लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।यह भी पढ़ें- Demat Account का नहीं कर रहे इस्तेमाल भरना पड़ेगा चार्ज, अकाउंट बंद करना है बेहतर ऑप्शन