RBI MPC Meet Update: नहीं कम होगी लोन की EMI, Repo Rate 6.5 फीसदी पर बरकरार
RBI MPC Meeting आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की तीनदिवसीय बैठक में लिए गए फैसलों का एलान हो गया है। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर फैसला लिया गया है। इस बार भी बैठक ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। पढ़ें पूरी खबर..
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। RBI MPC Meet Live Update: 5 जून 2024 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक शुरू हुई थी। आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया है।
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
शक्तिकांत दास ने बताया कि इस बार भी बैठक में मौजूद सदस्यों ने रेपो रेट (Repo Rate) को स्थिर रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर बना रहेगा। RBI की MPC में 4:2 के बहुमत से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। इस बार भी बैठक ने '‘withdrawal of accommodation' का रुख अपनाया है।क्या है नई दरें
रेपो रेट में कोई बदलाव के साथ बाकी रेट भी स्थिर रहेंगे। आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट 6.25 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट को 6.75 फीसदी और बैंक रेट को 6.75 फीसदी पर स्थिर रखा है।
महंगाई दर
गवर्नर दास ने कहा कि आरबीआई महंगाई को टिकाऊ आधार पर 4 प्रतिशत पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आरबीआई ने ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति पर चिंता व्यक्त की। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर दास ने कहा मुद्रास्फीति वृद्धि संतुलन अनुकूल रूप से आगे बढ़ रहा है।
सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून से खरीफ उत्पादन बढ़ने, जलाशयों में जल भंडारण बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में महंगाई में नरमी आ सकती है।आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहेगी।इस बार सामान्य मानसून होता है तो चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि खाद्य मूल्य मंहगाई पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है।