RBI MPC Meet: आरबीआई से मिलेगा दिवाली गिफ्ट? रेपो रेट कट पर क्या है केंद्रीय बैंक का इरादा
भारत के कई सेक्टर काफी सुस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर। पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री काफी कम हुई है जबकि कंपनियां बंपर डिस्काउंट भी दे रही हैं। इससे इकोनॉमी के सुस्त पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी अच्छा नहीं कर रहा। अगर आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने का इरादा बनाया तो वह ब्याज दरों में कटौती का फैसला कर सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने रेपो रेट को लेकर सोमवार से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। अमेरिका और यूरोप समेत तमाम विकसित बाजारों ने पिछले कुछ समय में ब्याज दरों में कटौती की है। ऐसे में आरबीआई से भी उम्मीद थी कि वह ब्याज दरें कम करके जनता को राहत दे। आइए जानते हैं कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करके आम जनता को राहत देगा या नहीं।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद क्यों नहीं?
आरबीआई का सबसे अधिक जोर अभी महंगाई घटाने पर है। लेकिन, खाद्य महंगाई के डेटा ने केंद्रीय बैंक को काफी परेशान कर रखा है। अब पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक संकट गहराने से महंगाई बढ़ने का खतरा भी पैदा हो गया है। पिछले पांच दिनों में क्रूड ऑयल का दाम करीब 11 फीसदी उछल गया है। अगर इजरायल-ईरान का संकट गहराता है, तो कच्चे तेल का रेट और भी बढ़ सकता है।
क्या रेपो रेट में कमी की संभावना भी है?
भारत के कई सेक्टर काफी सुस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। खासकर, ऑटोमोबाइल सेक्टर। पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री भी काफी कम हुई है, जबकि कंपनियां बंपर डिस्काउंट भी दे रही हैं। इससे इकोनॉमी के सुस्त पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी बहुत अच्छा नहीं कर रही। अगर आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने का इरादा बनाया, तो वह ब्याज दरों में कटौती का फैसला भी कर सकता है।