Move to Jagran APP

RBI MPC Meet: रिजर्व बैंक से मिलेगा सस्ती ब्याज दरों का तोहफा? जानें क्या है एक्सपर्ट की राय

7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर के बीच आरबीआई की एमपीसी बैठक(RBI MPC Meet) होने वाली है। इस बैठक के फैसलों का एलान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर 9 अक्टूबर को करेंगे । बैठक में रेपो रेट को लेकर फैसला लिया जाएगा। पिछले साल फरवरी से रेपो रेट स्थिर बना हुआ है। आइए. जानते हैं कि आगामी बैठक को लेकर रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों का क्या कहना है।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Sat, 05 Oct 2024 08:03 PM (IST)
Hero Image
RBI MPC Meet: 9 अक्टूबर को होगा एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 7 अक्टूबर 2024 से 9 अक्टूबर 2024 तक चलेगी। इस बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर फैसला लिया जाएगा। वर्तमान में रेपो रेट 6.5 फीसदी है। अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में हालिया कटौती के बाद भारत में भी दरों में कमी की उम्मीद बढ़ गई है।

हालांकि, प्रमुख विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में कोई बदलाव नहीं होगा। एस एंड पी ग्लोबल अक्टूबर में कटौती की संभावना जता रहा है, जबकि एसबीआई इसे नकार रहा है। यूबीएस दिसंबर में कटौती की संभावना देख रहा है। रेपो रेट में स्थिरता न केवल बाजार में निवेश को प्रभावित करेगी, बल्कि ग्राहकों के लिए होम लोन और अन्य वित्तीय विकल्पों को भी आसान बनाएगी। इस बैठक के परिणाम रियल एस्टेट, बैंकिंग और उपभोक्ता वित्त में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।

आइये जानते है कि रियल एस्टेट से जुड़े दिग्गजों की आरबीआई एमपीसी बैठक को लेकर क्या प्रतिक्रिया है।

क्या है दिग्गजों की राय

रहेजा डेवेलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार एक स्थिर मौद्रिक नीति हमेशा रियल एस्टेट बाजार के लिए लाभकारी होती है। अगर रेपो रेट स्थिर रहता है तो बाजार में स्थिरता बनी रहेगी, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार करती है। हमारे नए प्रोजेक्ट्स में मांग बढ़ रही है, और इस स्थिरता के कारण यह रुझान और तेज होगा। अगर रेपो रेट में कमी आती है, तो इससे बाजार में और अधिक निवेश आकर्षित होगा, जिससे विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और हम अपने काम में उच्च गुणवत्ता और समर्पण के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

यह भी पढ़ें: Billionaire List: शेयर बाजार में हलचल से अरबपतियों की लिस्ट में बड़ा उलटफेर, जानें कौन-किस पायदान पर

स्थिर मौद्रिक नीति हमेशा रियल एस्टेट बाजार के लिए फायदेमंद होती है। अगर आने वाले सप्ताह में रेपो दर अपरिवर्तित रहती है, तो यह एक सकारात्मक विकास होगा, जिससे आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं को आत्मविश्वास के साथ बढ़ने में मदद मिलेगी। घर खरीदने वालों को किफायती विकल्पों से भी लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, दरों में कोई भी कमी घरों में निवेश करने के लिए और अधिक ग्राहकों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र में मांग बढ़ेगी।

संजीव अरोड़ा, निदेशक, 360 रियलटर्स

अगर आने वाले सप्ताह में रेपो रेट इस बार भी स्थिर रहता है, तो यह हमारे लिए बेहद सकारात्मक साबित होगा। इससे हम अपने आगामी रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को मजबूती से आगे बढ़ा सकेंगे। होमबायर्स को किफायती फाइनेंसिंग विकल्प मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, जो उनकी खरीदारी के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी। वहीं, अगर रेपो रेट में कोई कटौती होती है, तो इससे होम लोन की दरें और कम होंगी, जिससे खरीदारी को और भी प्रोत्साहन मिलेगा।

सौरभ शर्मा, सेल्स डायरेक्टर, ट्राईसोल रेड

नीरज शर्मा, मैनेजिंग डायरेक्टर इस्कॉन इंफ़्रा रियलटर के अनुसार स्थिर रेपो रेट न केवल प्रॉपर्टी निवेश को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि हमारी बिक्री में भी वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमें विश्वास है कि अगर इस बार रेपो रेट में कोई कटौती नहीं होती है, तो यह एक सकारात्मक संकेत होगा। ऐसे में ग्राहक बिना किसी वित्तीय दबाव के अपने सपनों के घर को साकार करने में सक्षम होंगे। अगर रेपो रेट कम होता है, तो इससे अधिक लोग घर खरीदने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, जिससे बाजार में तेजी आएगी।

यह भी पढ़ें: सस्ते पेट्रोल और डीजल का सपना चकनाचूर! अब फ्यूल का दाम बढ़ने का खतरा