RBI को वापस मिले 2 हजार के 87 फीसदी नोट, बैंकों के लिए बुलेट रिपेमेंट के तहत बढ़ी गोल्ड लोन की लिमिट
आरबीआई गवर्नर ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान किया है। इस फैसले में गोल्ड लोन की लिमिट को भी बढ़ाया गया है। यह बुलेट रिपेमेंट स्कीम के तहत बढ़ाया गया है। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने 2000 रुपये के नोट को लेकर भी जानकारी दी है। शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी तक 84 फीसदी नोट वापस आ गए हैं।
एजेंसी, नई दिल्ली। आरबीआई की छह दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक का फैसला आज आरबीआई गवर्नर ने ऐलान किया था। इस ऐलान में दोबारा रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा आरबीआई ने महंगाई को कंट्रोल करने और जीडीपी को नियंत्रण करने के लिए भी बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करने का फैसला लिया है। आरबीआई ने बुलेट रिपेमेंट स्कीम के तहत बैंकों के लिए गोल्ड लोन की लिमिट को बढ़ा दी है।
84 फीसदी लौटे 2,000 रुपये
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि अभी तक सर्कुलेशन से 2,000 रुपये के 87 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं। वहीं 12,000 करोड़ रुपये अभी भी वापस नहीं आए हैं।
पिछले शनिवार को आरबीआई ने कहा था कि 29 सितंबर तक 3.42 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं। केंद्रीय बैंक ने नोट वापस करने की समयसीमा भी एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी थी। आपको बता दें कि इस साल मई में 2,000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला लिया गया था। बैंक ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि 2,000 रुपये के नोट का चलन बाजार में बाकी नोट की तुलना में कम है।
बुलेट रिपेमेंट के तहत बढ़ी गोल्ड लोन लिमिट
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट रिपेमेंट योजना के तहत गोल्ड लोन की सीमा को दोगुना कर 4 लाख रुपये करने की घोषणा की। पहले इसकी सीमा 2 लाख रुपये थे। बुलेट रिपेमेंट योजना वह है जहां एक उधारकर्ता लोन अवधि के दौरान रिपेमेंट की चिंता किए बिना लोन अवधि के अंत में ब्याज और मूल राशि चुकाता है।
बुलेट रिपेमेंट स्कीम क्या है
बुलेट रिपेमेंट योजना के तहत लोन लेने वाला मूल राशि और ब्याज का भुगतान करने के लिए एक अवधि होती है। इस अवधि के अंत में एकमुश्त कर्ज चुकाया जा सकता है। इसमें गोल्ड के बदले लोन पर ब्याज का आंकलन किया जाता है। इस तरह के रिपेमेंट को बुलेट रिपेमेंट स्कीम कहा जाता है।