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RBI MPC की बैठक शुरू, जानिए 8 तारीख को क्या आ सकता है फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक की MPC या मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक आज बुधवार 6 दिसंबर से शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता RBI गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं। इस बैठक में आरबीआई एमपीसी समिति जो भी फैसला लेगी उसकी घोषणा गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार 8 दिसंबर को करेंगे। चलिए जानते हैं इस बैठक से क्या उम्मीद किया जा सकता है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 03:51 PM (IST)
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महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई रेपो रेट को बढ़ा देती है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तीन दिनों तक चलने वाली एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक मीटिंग आज बुधवार 6 दिसंबर को शुरू हो गई है। इस मीटिंग की अध्यक्षता आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास कर रहे हैं।

इस बैठक में आरबीआई की एमपीसी समिति जो भी फैसला लेगी उसकी घोषणा गर्वनर शक्तिकांत दास शुक्रवार 8 दिसंबर को करेंगे। चलिए जानते हैं इस बैठक से आप और हम क्या उम्मीद कर सकते हैं।

ब्याज दर रह सकता है स्थिर

शुक्रवार को होने वाली घोषणा में गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकते हैं। विशेषज्ञ की माने तो रेपो रेट इसलिए स्थिर रह सकता है क्योंकि मुद्रास्फीति धीरे-धीरे आरबीआई के लक्ष्य स्तर के करीब आ रही है और आर्थिक विकास बढ़ रहा है।

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पिछले चार बार से स्थिर है ब्याज दर

आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई एमपीसी की हुई चार बैठको में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया गया था। आखिरी बार रेपो रेट को फरवरी 2023 में बढ़ा कर 6.5 प्रतिशत किया गया था। आपको बता दें कि मई 2022 से फरवरी 2023 तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट यानी 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की है।

चार महीने के नीचले स्तर पर महंगाई

खाद्य पदार्थों की कीमतें में कमी के कारण अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर आ गई थी। एमपीसी ने अपनी अक्टूबर की बैठक में 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था जो 2022-23 में 6.7 प्रतिशत से कम है।

आरबीआई एमपीसी का क्या है काम?

हर दो महीने में होने वाली इस एमपीसी की बैठक में देश में महंगाई को कम करने से जुड़े नीतिगत फैसले लिए जाते हैं। इनमें रेपो रेट सबसे अहम फैसला होता है। रेपो रेट वह ब्याज दर होता है जिस दर पर आरबीआई देश के बैंकों को कर्ज देती है।

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आरबीआई के लिए रेपो रेट कितना महत्वपूर्ण

रेपो रेट आरबीआई के पास ब्रह्मास्त्र की तरह है। दरअसल देश में जब भी महंगाई बढ़ती है तो तब आरबीआई रेपो रेट के बढ़ा देता है। आरबीआई ऐसा इसलिए करता है ताकी इकोनॉमी में मनी फ्लो कम हो जाए।

मनी फ्लो होने से डिमांड कम होगी जिससे महंगाई घट जाएगी। इसके ठीक विपरीत जब इकोनॉमी में डिमांड बढ़ानी होती है तो आरबीआई रेपो रेट को कम कर मनी फ्लो को इकोनॉमी में बढ़ा देती है।