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Specialist Comment: मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के फैसलों के चलते गंभीर वैश्विक झटकों से उबरने में सक्षम हुआ देश

Specialist Comment आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की सदस्य आशिमा गोयल का कहना है कि मोदी सरकार के आठ साल के प्रणालीगत आर्थिक सुधारों के चलते भारत आर्थिक स्थिरता में इजाफा हुआ है। पढ़ें पूरा बयान...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 12:06 PM (IST)
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मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के फैसलों के चलते भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूती आई है।
नई दिल्‍ली, एजेंसी। मोदी सरकार की ओर से लिए गए आर्थिक सुधार के फैसलों के चलते भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूती आई है। इन फैसलों के कारण वैश्विक उथल पुथल को झेलने की भारत की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की सदस्य आशिमा गोयल का कहना है कि मोदी सरकार के आठ साल के प्रणालीगत आर्थिक सुधारों के चलते भारत आर्थिक स्थिरता में इजाफा हुआ है। साथ ही देश की किसी भी बाहरी झटके को झेलने की क्षमता भी बढ़ी है।

आशिमा गोयल ने आगे कहा कि आपूर्ति पक्ष में निरंतर सुधार के साथ काउंटर साइक्लिकल मैक्रोइकॉनॉमिक नीति ने विकास की दिशा में रिफार्म को सक्षम किया है। ये रिफार्म दुनिया में उठाए गए सर्वश्रेष्‍ठ कदमों में शुमार हैं। उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले, देश गंभीर व्यापक आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहा था। लेकिन बीते आठ वर्षों के क्रमिक सुधारों ने अर्थव्‍यवस्‍था को इतना मजबूत किया है कि भारत व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ गंभीर वैश्विक झटकों से उबरने में सक्षम हो गया है।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्‍न विषयों पर सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों की विश्वसनीयता पर उठाए जा रहे सवालों पर आशिमा गोयल ने कहा कि ऐसी आलोचनाएं काफी हद तक गलत हैं। उच्च आवृत्ति डेटा और जीडीपी संख्या के बीच कोई द्वंद्व नहीं है। मौजूदा वक्‍त में आर्थिक मजबूती के लिए सुधार, संसाधन, क्षमता और नियमितता बेहद जरूरी है। सरकार की ओर से ऐसे कदम लगातार उठाए भी जा रहे हैं।  

हाल ही में केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भले ही वैश्विक उथल पुथल का दौर अभी पूरी तरह नहीं थमा हो लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। सरकार की ओर से जारी आर्थिक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्‍त में विकास और महंगाई दोनों को लेकर चिंताएं कम हुई हैं। हालांकि एक दिन पहले ही आरबीआइ एमपीसी के सदस्य जयंत आर. वर्मा ने कहा था कि आर्थिक वृद्धि की राह में भू-राजनीतिक संकट बड़े अवरोधक हैं।