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RBI MPC: खुशखबरी! नहीं बढ़ेगा लोन और EMI का बोझ, तीसरी बार भी स्थिर रहा Repo Rate, शक्तिकांत दास ने किया एलान

RBI MPC Meeting भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में लिए गए फैसलों को सुनाते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज नई मौद्रिक नीति की घोषणा की। 8-10 अगस्त तक इस बैठक में फिर से रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने का फैसला किया गया है। जानिए एमपीसी के पास और कौन-कौन से थे अहम मुद्दे। पढ़िए पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 10 Aug 2023 11:50 AM (IST)
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RBI Governor Shaktikanta Das in MPC Meet: लगातार तीसरी बार 6.5 प्रतिशत पर रेपो रेट बरकार
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) में लिए गए फैसलों को सुनाते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आज नई मौद्रिक नीति का एलान किया।

8 से 10 अगस्त तक चले एमपीसी की बैठक में एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया।

तीसरी बार स्थिर रहा रेपो रेट

यह लगातार तीसरी बार है जब एमपीसी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले अप्रैल और जून में हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखा गया था।

आज एक बार फिर से गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि फिलहाल रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रहेगा। आपको बता दें कि 6 सदस्य वाली एमपीसी के सामने रेपो रेट के अलावा देश में बढ़ रही महंगाई, अर्थव्यवस्था इत्यादि जैसे तमाम मुद्दे थे जिसके मद्देनजर यह बैठक काफी महत्वपूर्ण थी।

रेपो रेट में आखिरी बार कब हुआ था बदलाव?

आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था। फरवरी में एमपीसी ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया था। फरवरी में रेपो रेट में हुए इस बदलाव को मिलाकर मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 250 आधार अंकों यानी 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

6.5 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी GDP

गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। द्विमासिक मौद्रिक नीति का फैसला सुनाते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधि लचीलापन बनाए रख रही है।

गवर्नर ने कहा कि 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी की पहली तिमाही में 8 प्रतिशत, Q2 में 6.5 प्रतिशत, Q3 में 6.0 प्रतिशत और Q4 में 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। इसके अलावा अगले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 25 में जीडीपी का अनुमान 6.6 प्रतिशत है।

मुद्रास्फिति का अनुमान बढ़ा

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने टमाटर सहित सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2024 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है जो पहले 5.1 प्रतिशत थी।

गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 2023-24 के लिए 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

जोखिमों को समान रूप से संतुलित करते हुए, दूसरी तिमाही के लिए सीपीआई 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया है। वहीं वित्त वर्ष 25 के लिए पहली तिमाही यानी 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

हेडलाइन सीपीआई मुद्रास्फीति मई में 4.3 प्रतिशत से बढ़कर जून में 4.8 प्रतिशत हो गई जिसका कारण सब्जियों, अंडे, मांस, मछली, अनाज, दालों और मसालों की कीमतों में आई तेजी है।