Indian Rupee: जल्द ‘रुपया’ बनेगा International करेंसी, RBI ने बनाया ये मास्टर प्लान
RBI on Indian Rupee as International Currency रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कई शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म उपायों का सुझाव दिया है। आपको बता दें कि यह उपाय आरबीआई के द्वारा नियुक्त की गई समिति ने दिया है रुपये को आईएमएफ के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights (SDR)) बास्केट में शामिल करने के प्रयास भी शामिल हैं। जानिए क्या है पूरी खबर
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय करेंसी रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए कई शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म उपायों का सुझाव दिया है।
यह उपाय आरबीआई द्वारा नियुक्त समिति ने दिया है जिसमें भारतीय मुद्रा को आईएमएफ के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights (SDR)) बास्केट में शामिल करने के प्रयास भी शामिल हैं।
क्या है SDR?
एसडीआर, आईएमएफ द्वारा अपने सदस्य देशों के आधिकारिक भंडार के पूरक के लिए बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति है। यह IMF सदस्यों की स्वतंत्र रूप से उपयोग योग्य मुद्राओं पर एक संभावित दावा है।
एसडीआर किसी देश को तरलता प्रदान कर सकता है। एसडीआर में अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी युआन, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड जैसे मुद्रा शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीयकरण एक प्रक्रिया है, घटना नहीं- आर एस राठो
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक आर एस राठो (R S Ratho) की अध्यक्षता वाले अंतर विभागीय समूह (IDG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अंतर्राष्ट्रीयकरण एक घटना के बजाय एक प्रक्रिया है, जिसमें अतीत में की गई सभी पहलों को आगे बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जाते हैं।
शॉर्ट टर्म उपायों का सुझाव देते हुए, पैनल ने कहा, INR और स्थानीय मुद्राओं में चालान, निपटान और भुगतान के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था पर प्रस्तावों की जांच करने और भारत और भारत के बाहर दोनों जगह गैर-निवासियों (विदेशी बैंकों के नोस्ट्रो खातों के अलावा) के लिए INR खाते खोलने को प्रोत्साहित करने के लिए एक टेम्पलेट तैयार करने और एक मानकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
इसने सीमा पार लेनदेन के लिए अन्य देशों के साथ भारतीय भुगतान प्रणालियों को एकीकृत करने और वैश्विक 24x5 आईएनआर बाजार को बढ़ावा देकर वित्तीय बाजारों को मजबूत करने और भारत को INR लेनदेन और मूल्य खोज के केंद्र के रूप में बढ़ावा देने की भी सिफारिश की है।
आईडीजी ने प्रस्तुत की रिपोर्ट
अंतर विभागीय समूह (आईडीजी) का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में भारतीय रुपये की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करना और भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए एक रोड मैप तैयार करना था। आईडीजी ने तब से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है जिसमें सिफारिशों का अंतिम सेट शामिल है।