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RBI ने SBI और Indian Bank समेत इन बैंकों पर लगाया जुर्माना, इस बैंक का लाइसेंस हुआ कैंसिल

भारत के केंद्रीय बैंक देश के किसी भी बैंक पर जुर्माना लगा सकती है। यह जुर्माना बैंक द्वारा किसी भी नियम के अनुपालन की वजह से लगाया जाता है। बैंक ने आज एक प्रेस रिलीज जारी की है। इस प्रेस रिलीज में बैंक ने बताया कि उन्होंने SBI समेत कई बैंकों पर जुर्माना लगाया है। आइए जानते हैं कि किन बैंक पर किस वजह से और कितना जुर्माना लगा है?

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 25 Sep 2023 06:59 PM (IST)
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RBI ने लगाया SBI,Indian Bank समेत इन बैंकों पर जुर्माना
 नई दिल्ली, एजेंसी। रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने विभिन्न नियामक मानदंडों के उल्लंघन के लिए एसबीआई और इंडियन बैंक समेत तीन सरकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंक के नियमों को उल्लंघन करने पर लगाया है। बैंक ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने 1.3 करोड़ रुपये का जुर्माना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पर लगाया है। यह जुर्माना बैंक के ऋण और अग्रिम - वैधानिक और अन्य प्रतिबंध' और 'इंट्रा-ग्रुप लेनदेन और एक्सपोजर के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' के पालन ना करने पर लगाया है।

इन बैंकों पर भी लगाया गया जुर्माना

आरबीआई ने एक प्रेस रिलीज जारी की। इस प्रेस रिलीज के अनुसार आरबीआई ने बताया कि इंडियन बैंक पर भी 1.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना 'ऋण और अग्रिम - वैधानिक और अन्य प्रतिबंध', केवाईसी, और 'भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश, 2016' के अनुपालन की वजह से लगाया गया है।

इसके अलावा पंजाब एंड सिंध बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। यह जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना के कुछ प्रावधानों का अनुपालन करने की वजह से लगाया गया है। वहीं, एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी पर निर्देशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने की वजह से फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 8.80 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।

आरबीआई ने कहा कि बैंकों और NBFC पर जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उनके द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।

इस बैंक का लाइसेंस हुआ कैंसिल

आरबीआई ने सोमवार को कहा कि उसने मुंबई स्थित द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसकी वजह है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। सहकारिता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।