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Charges on Transactions: पेमेंट सिस्टम को सरल बनाने की कवायद, आरबीआई ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड लेन-देन पर मांगा फीडबैक

Charges on Transactions आरबीआई का ये डिस्कशन पेपर तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के अलावा भुगतान के अन्य तौर-तरीकों में शुल्क से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल करता है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 08:37 AM (IST)
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RBI sought feedback on debit and credit card transactions
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेबिट, क्रेडिट कार्ड और लेन-देन के दूसरे तरीकों के बारे में जनता की राय जानने के लिए भुगतान प्रणाली (Payment System) पर एक डिस्कशन पेपर जारी किया। 3 अक्टूबर, 2022 तक पेपर में उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया दी जा सकती है। इसमें डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आईएमपीएस, एनईएफटी, आरटीजीएस, पीपीआई और यूपीआई के माध्यम से लेनदेन पर शुल्क को ध्यान में रखा जाएगा। आरबीआई की इस पहल का मकसद पेमेंट सिस्टम में देखी जाने वाली कठिनाइयों को कम करना है।

आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि यह डिस्कशन पेपर तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और भुगतान के अन्य तौर-तरीकों में शुल्क से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल करता है। जनता जो फीडबैक देगी, उसका उपयोग पेमेंट सिस्टम को सुधारने के लिए किया जाएगा।

भुगतान प्रणाली के बारे में बात करते हुए आरबीआई ने कहा भुगतान लेन-देन श्रृंखला में कई मध्यस्थ हैं। उपभोक्ताओं की शिकायतें आमतौर पर 'हिडेन चार्जेस' और पेमेंट फीस को लेकर होती हैं। आरबीआई ने कहा है कि भुगतान सेवाओं के लिए शुल्क उचित और प्रतिस्पर्धात्मक होना चाहिए। साथ ही बिचौलियों को एक निश्चित राशि मिल सके, इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए।

डेबिट और क्रेडिट कार्ड को लेकर क्या चाहता है आरबीआई

भारत डेबिट कार्ड के लिए एक बड़ा बाजार है। मई 2022 तक भारत में कुल 92 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जबकि केवल 7.5 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे।

डेबिट कार्ड

डेबिट कार्ड के संबंध में आरबीआई ने कहा है कि छोटे व्यापारियों द्वारा डेबिट कार्ड के जरिए लेन-देन स्वीकार करने से लागत में काफी कमी आई है। हालांकि कुछ शिकायतें मिली हैं और आरबीआई उनको दूर करने की कोशिश कर रहा है। आरबीआई ने इस बात पर भी फीडबैक मांगा है कि क्या डेबिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर कोई शुल्क होना चाहिए या नहीं और क्या डेबिट कार्ड के लिए एमडीआर सभी व्यापारियों के लिए एक समान होना चाहिए (चाहे टर्नओवर कुछ भी हो)। आरबीआई ने यह भी जानना चाहा है कि क्या रुपे कार्ड को अन्य डेबिट कार्ड से अलग माना जाए।

क्रेडिट कार्ड

क्रेडिट कार्ड की बात करें तो आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड लेन-देन के लिए एमडीआर पर कोई नियामक आदेश जारी नहीं किया है। इसका मुख्य कारण इसकी क्रेडिट-लिंक्ड प्रकृति है। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि अगर कार्डधारक द्वारा ब्याज मुक्त स्कीम का लाभ उठाया जाता है, ऐसे फंड की लागत व्यापारी से वसूल की जाती है। इस पर लगने वाले ब्याज को नियमित किए जाने की जरूरत है। RBI इस बारे में भी राय मांगी है कि क्या क्रेडिट कार्ड MDR शुल्क उचित है और क्या इस पर नियम बनाने के लिए केंद्रीय बैंक की आवश्यकता है।