RBI ने शुरू किया 100 Days 100 Pays अभियान, सबसे ज्यादा SBI के पास अनक्लेम्ड डिपॉजिट
अनक्लेम्ड डिपॉजिट के जल्द निपटान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 100 दिनों का अभियान शुरू किया है। केंद्रीय बैंक ने यह अभियान बैंक में लावारिस जमा को उनके सही मालिकों/दावेदारों को वापस करने के लिए किया है।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 01 Jun 2023 10:30 PM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 100 दिनों के भीतर हर जिले में प्रत्येक बैंक की टॉप 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने और उसके निपटाने के लिए '100 दिन 100 भुगतान' (100 Days 100 Pays) अभियान को शुरू किया है।
आरबीआई यह अभियान बैंकिंग प्रणाली में लावारिस जमा की मात्रा को कम करने और ऐसी जमा राशि को उनके सही मालिकों/दावेदारों को वापस करने के लिए कर रहा है।
क्या होती है लावारिस जमा ?
किसी जमा को लावारिस यानी अनक्लेमड तब माना जाता है, जब उस डिपॉजिट पर 10 साल या उससे ज्यादा समय तक कोई गतिविधि (डिपॉजिट या निकासी) नहीं हुई हो।इसके बाद बैंक ऐसे जमा राशियों को आरबीआई द्वारा बनाए गए "जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता" (DEA) फंड में ट्रांसफर कर देते हैं।
इस वजह से होता है अनक्लेमड डिपॉजिट ?
आरबीआई के अनुसार, ऐसे लावारिस जमा की बढ़ती संख्या बचत/चालू खातों को बंद न करने के कारण होती है, जिसे डिपॉजिटर अब संचालित नहीं करना चाहता। इसके अलावा मैच्यौर एफडी को क्लेम नहीं करने के कारण भी ऐसा होता है।
आरबीआई ने कहा कि ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब किसी डिपॉजिटर के मृत्यु के बाद उनके नामिती/कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित बैंक(बैंकों) पर दावा करने के लिए आगे नहीं आते हैं।