Rupee vs Dollar डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ लगातार कड़े फैसले ले रहा है। अब आरबीआइ ने स्थानीय बैंकों को एनडीएफ सेगमेंट में नई पोजीशन नहीं बनाने को कहा है। इससे डॉलर की मांग बढ़ रही थी।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2022 12:53 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में आरबीआइ ने स्थानीय बैंकों से विदेशों में नॉन-डिलीवरेबल सेगमेंट (NDF Segment) में अतिरिक्त पोजीशन नहीं बनाने को कहा है। इससे डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये पर अधिक दबाव बन रहा है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से एक बैंकर ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि बैंकों की ओर से एनडीएफ मार्केट अतिरिक्त पोजीशन बनाने के चलते आरबीआइ को डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को संभालने के लिए अधिक विदेशी मुद्रा भंडार खर्च करना पड़ रहा है।
आरबीआइ ने दिया था एनडीएफ मार्केट में ट्रेड करने का आदेश
ये आदेश आरबीआइ की ओर से बैंकों को एक अनौपचारिक संवाद में दिया गया है। बता दें, इससे पहले जून 2020 में एक रिसर्च के बाद आरबीआइ ने विदेशी बैंकों के कब्जे वाले एनडीएफ मार्केट में ट्रेड करने के लिए स्थानीय बैंकों को कहा था। इसमें ट्रेड करने से आरबीआइ को एनडीएफ मार्किट में अधिक नियंत्रण मिलता है।
रुपये में हो रही गिरावट
भारतीय बैंकों के एनडीएफ मार्केट में ट्रेड करने के कारण डॉलर की मांग अधिक बढ़ जाती है और डॉलर के मुकाबले रुपये में उठापठक में भी इजाफा होता है। इसके कारण डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव आता है।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
रूस -यूक्रेन युद्ध और अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में पिछले कुछ महीनों में काफी तेज गिरावट देखने को मिली है। डॉलर की मजबूती बताने वाला डॉलर इंडेक्स करीब 20 सालों की ऊंचाई 113 पर चल रहा है। इस कारण 2022 की शुरुआत से लेकर अब तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया करीब 10 फीसदी गिरकर 82.30 के स्तर पर है।
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