इंटरनेट नहीं होगा तब भी होगा पैसों का लेन-देन, RBI गवर्नर ने कहा तैयार हो रहा फ्रेमवर्क
आरबीआई के मुताबिक ऑफलाइन पेमेंट की व्यवस्था को पूरे देश में उपलब्ध किया जाएगा। जिन ग्राहकों को इंटरनेट से जुड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ता है वे ऑनलाइन मोड जैसे IMPS RTGS UPI आदि का इस्तेमाल करके पेमेंट नहीं कर पाते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI ने देश भर में ऑफलाइन मोड में रिटेल डिजिटल पेमेंट के लिए फ्रेमवर्क पेश करने का प्रस्ताव किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में इस फैसले का ऐलान किया।
आरबीआई के मुताबिक, ऑफलाइन पेमेंट की व्यवस्था को पूरे देश में उपलब्ध किया जाएगा। जिन ग्राहकों को इंटरनेट से जुड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, वे ऑनलाइन मोड जैसे IMPS, RTGS, UPI आदि का इस्तेमाल करके पेमेंट नहीं कर पाते हैं। वे अब ऑफलाइन भुगतान की व्यवस्था का पेमेंट करने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे।
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गौरतलब है कि RBI के बयान के मुताबिक, डेवलपमेंटल एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज पर 6 अगस्त 2020 की तारीख वाले बयान में एक योजना बताई गई थी। इसमें इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के पायलट टेस्ट किए जाने थे, जिसमें ऐसी स्थितियों में भी रिटेल डिजिटल पेमेंट्स की जा सकें, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम या उपलब्ध नहीं हो।
योजना के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान तीन पायलट को सफलतापूर्वक चलाया गया।
RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 5.3 प्रतिशत किया
RBI ने शुक्रवार को खाद्य कीमतों में नरमी और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण निकट भविष्य में खुदरा मुद्रास्फीति में भारी गिरावट का अनुमान लगाया है। जोखिम को समान रूप से संतुलित रखते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक CPI मुद्रास्फीति अब 2021-22 के लिए 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
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इससे पहले अगस्त में अपनी मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने आपूर्ति पक्ष की बाधाओं, कच्चे तेल और कच्चे माल की उच्च लागत के कारण मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।