इस शेयर में फंसा 5.7 लाख निवेशकों का पैसा, लगातार लग रहा लोअर सर्किट; ट्रेडिंग बंद होने का भी खतरा
डिजिटल मार्केटिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयरों ने अपने करीब एक दशक के सफर में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा। लेकिन अब कंपनी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इसके शेयर अब कौड़ियों के भाव बिक रहे हैं और उन्हें कोई खरीदने वाला भी नहीं मिल रहा। ब्राइटकॉम में करीब 6 लाख निवेशकों के पैसे फंसे हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल मार्केटिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयरों ने अपने करीब एक दशक के सफर में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा। लेकिन, अब कंपनी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इसके शेयर अब कौड़ियों के भाव बिक रहे हैं और उन्हें कोई खरीदने वाला भी नहीं मिल रहा।
क्या है ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों का भाव
ब्राइटकॉम स्टॉक मार्केट में मई 2015 में करीब 13 रुपये के भाव पर आया। अगले छह साल तक इसके शेयरों में लगातार गिरावट ही आई और यह 1 रुपये के स्तर पर भी आ गया। लेकिन, मई 2021 से इसके अच्छे दिन आए और उसी साल के आखिर में इसने 117 रुपये का अपना ऑल टाइम भी बना दिया।
वहां से फिर ब्राइटकॉम का डाउनफॉल आया और वह इससे कभी उबर नहीं पाया। फिलहाल, इसके स्टॉक का भाव 10 रुपये के आसपास है और इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। ब्राइटकॉम में करीब 6 लाख निवेशकों के पैसे फंसे हैं और वे इस दलदल से निकलने की कोशिश में लगे हैं।
ब्राइटकॉम के साथ गड़बड़ी क्या हुई?
ब्राइटकॉम ग्रुप ने अपने हिसाब-किताब में लगातार खेल किया। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी ने 2014-15 से 5 साल तक अपने खर्चों को कम और मुनाफे को ज्यादा बताया। इसी के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी का दौर शुरू हुआ था। सेबी ने कंपनी के सितंबर और दिसंबर तिमाही के नतीजों पर भी सवाल खड़ा किया है। कंपनी ने कुल 1,280 करोड़ रुपये की जानकारी छिपाई।सेबी के आदेश के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने ब्राइटकॉम के शेयरों की ट्रेडिंग को 14 जून से सस्पेंड करने का फैसला किया है। हालांकि, अगर ब्राइटकॉम ग्रुप सेबी के नियमों पर खरा उतरा है, तो उसके शेयरों की ट्रेडिंग फिर से शुरू हो जाएगी।