आयकर पोर्टल पर नए अपडेट से कुछ करदाताओं को हो सकता है नुकसान, जानिए आप पर तो नहीं पड़ेगा असर
आयकर पोर्टल पर नई कर व्यवस्था का उपयोग करने वाले करदाता हाल ही में किए गए अपडेट के कारण एक जरूरी छूट से वंचित हो सकते हैं। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 87A के तहत उपलब्ध यह छूट कम आय वालों (7 लाख रुपये से कम कर योग्य आय) को 25000 रुपये तक की छूट के रूप में कर राहत देती है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। टैक्सपेयर के लिए निराश करने वाली जानकारी सामने आई है। इस महीने आयकर पोर्टल पर कर-फाइलिंग यूटिलिटी के अपडेट के बाद, करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत 25,000 रुपये तक की वैध छूट को छोड़ना पड़ सकता है। ऐसा तब होगा अगर उन्होंने अल्पकालिक पूंजीगत लाभ बुक किया है, क्योंकि यह आयकर अधिनियम, 1961 को खत्म कर देता है।
रिबेट(Rebate) आयकर पर दी गई छूट है, जो कम आय वाले लोगों को अपने टैक्स को कम करने में मदद करती है। यह सुनिश्चित करती है कि वे अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करें। केंद्रीय बजट 2023 के बदलाव के अनुसार अगर आप नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं और अगर आपकी कर योग्य आय 7 लाख रुपये से कम है तो आपको 25,000 रुपये तक की छूट का दावा करने की अनुमति है।
क्या है समस्या?
- यह समस्या पोर्टल द्वारा छूट पात्रता के लिए 'कुल कर योग्य आय' की गणना करने के तरीके में अंतर से सामने आती है।
- चार्टर्ड अकाउंटेंट के अनुसार, अभी का सिस्टम इस गणना में गलती से अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) को शामिल कर रहा है।
- यह एसटीसीजी वाले लोगों के लिए छूट को खत्म कर देता है, भले ही इन लाभों को छोड़कर उनकी आय 7 लाख रुपये की सीमा से कम हो।
क्यो हो रही है समस्या
- दिलचस्प बात यह है कि 5 जुलाई, 2024 से पहले रिटर्न दाखिल करने वाले करदाता STCG की परवाह किए बिना छूट का दावा करने में सक्षम थे।
- यह असंगतता आयकर अधिनियम के साथ अपडेट के अनुपालन के बारे में चिंता पैदा करती है, जिसमें छूट पात्रता को नकारने वाले एसटीसीजी की जानकारी नहीं है।
- इसके अलावा धारा 111A स्पष्ट रूप से STCG वाले लोगों के लिए छूट की अनुमति देती है, अगर उनकी सकल कुल आय (एसटीसीजी को छोड़कर) 7 लाख रुपये से कम रहती है।
करदाताओं पर प्रभाव
- एसटीसीजी वाले कई पात्र करदाता पोर्टल की गणना के कारण छूट से चूक सकते हैं।
- करदाता जो पोर्टल की त्रुटि के कारण छूट का दावा नहीं करते हैं, उन्हें सालके अंत में नोटिस मिल सकता है।
- छूट की चूक को स्पष्ट करने या विवाद करने से अनावश्यक देरी और निराशा हो सकती है।
- आयकर विभाग को समस्या को दूर करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पोर्टल आयकर अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर छूट पात्रता की सही गणना करें।
- एसटीसीजी के साथ नई कर व्यवस्था में करदाताओं को इस मुद्दे के बारे में पता होना चाहिए और अगर उन्हें लगता है कि वे छूट के लिए योग्य हैं तो उन्हें टैक्स प्रोफेशनल से परामर्श करना चाहिए।