Global Recession: अमेरिकी और यूरोपीय मंदी का डर कितना वास्तविक, क्या सचमुच संकट में हैं आईटी कंपनियां
Recession Impact on IT Industry क्रिसिल के अनुसार भारतीय आईटी कंपनियों की कुल आय का 86 प्रतिशत हिस्सा यूरोप से आता है। ऐसे में अगर इन देशों में मंदी आती हैं तो फिर आईटी कंपनियों पर नकारात्मक असर होगा।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 02:45 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दुनिया में आर्थिक मंदी की चर्चा जोरों पर है। रूस- यूक्रेन युद्ध और कच्चा तेल महंगा होने के कारण दुनिया में महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई को काबू करने के लिए दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंक लगातार ब्याज दर बढ़ा रहे हैं, जिससे दुनिया में मंदी आने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां के साथ-साथ वित्तीय कंपनियां भी अपनी लागत को कम करने के लिए नौकरियों में कटौती का सहारा ले रही हैं।
आज ही शुरू करें अपना शेयर मार्केट का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhXदुनिया में आर्थिक मंदी का सबसे अधिक प्रभाव यूरोप और अमेरिका में देखने को मिल रहा है। वहीं, जानकारों का मानना है कि इससे भारत की आईटी इंडस्ट्री पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने हाल में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारतीय आईटी कंपनियों की आय का 86 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यूएस और यूरोपीय देशों से आता है।
आईटी कंपनियों के शेयर फिसले
मंदी की आहट के कारण निफ्टी का आईटी इंडेस्क अपने उच्चतम स्तर से 27 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। इस दौरान इंफोसिस, टीसीएस, टेक मंहिद्रा और विप्रो के शेयर 16 से लेकर 42 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। इसके अलावा छोटे आईटी शेयर अपने उच्चतम स्तर से 55 प्रतिशत से अधिक गिर चुके हैं।
छटनी पर विचार कर रहीं कंपनियां
हाल ही में केपीएमजी की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि 39 प्रतिशत कंपनियों ने सीईओ ने भर्ती पर रोक लगा दी हैं और 46 प्रतिशत सीईओ आने वाले समय में इसे लागू करने की योजना बना रहे हैं। इस सर्वे को पूरी दुनिया के 1,300 सीईओ से बातचीत करने के बाद निकाला गया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, स्पेन, यूके और यूएस की कंपनियों को शामिल किया गया था।