बिजली खपत नौ प्रतिशत बढ़कर 152.38 अरब यूनिट पहुंची, डिमांड में भी आया तगड़ा उछाल
भीषण गर्मी के चलते देश में बिजली की रिकॉर्ड खपत जारी है। जून में बिजली की खपत सालाना आधार पर करीब नौ प्रतिशत बढ़कर 152.38 अरब यूनिट रही। भीषण गर्मी के कारण घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह रही। इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग सर्वकालिक उच्च स्तर 250.20 गीगावाट पर पहुंच गई।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भीषण गर्मी के चलते देश में बिजली की रिकॉर्ड खपत जारी है। जून में बिजली की खपत सालाना आधार पर करीब नौ प्रतिशत बढ़कर 152.38 अरब यूनिट रही। भीषण गर्मी के कारण घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल इसकी मुख्य वजह रही।
जून 2023 में बिजली की खपत 140.27 अरब यूनिट थी। एक दिन में सर्वाधिक आपूर्ति (पूरी की गई अधिकतम मांग) भी जून 2024 में बढ़कर 245.41 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 223.29 गीगावाट थी।
इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग सर्वकालिक उच्च स्तर 250.20 गीगावाट पर पहुंच गई। इससे पहले, अब तक की अधिकतम मांग 243.27 गीगावाट सितंबर 2023 में रही थी।
अधिकतम डिमांड 260 गीगा जाने का अनुमान
गर्मी के सीजन में हर साल बिजली की डिमांड में काफी बढ़ जाती है। इस बार भी गर्मियों के दौरान देश में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक जाने का अनुमान है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के चेयरपर्सन घनश्याम प्रसाद ने गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले कहा था कि बिजली की डिमांड में पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी का इजाफा हो सकता है। पिछली बार इलेक्ट्रिसिटी डिमांड बिजली मंत्रालय के अनुमान से 14.27 गीगावाट अधिक हो गई थी।
हालांकि, सरकार का कहना है कि इस बार बिजली की सप्लाई दुरुस्त रखने की पूरी तैयारी है, ताकि जनता को ज्यादा परेशानी न हो। पिछले साल गर्मी के सीजन में बेमौसम बाशि भी देखने को मिली थी, जिससे बिजली की डिमांड काबू काफी हद तक काबू में थी। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हुआ।