Reliance AGM: स्टेडियम से डिजिटल तक का सफर, जानिए कैसे Dhirubhai Ambani ने जीता निवेशकों का विश्वास
Reliance AGM 2023 रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम 28 अगस्त को होने जा रही है। हर साल रिलायंस की एजीएम में कंपनी के विस्तार के प्लान के साथ-साथ योजनाओं के बारे में बताया जाता है। धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस की एजीएम की शुरुआत की थी। उस समय ये मुंबई के कूपरेज ग्राउंड में आयोजित की जाती थी। (फोटो - जागरण फाइल)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 26 Aug 2023 06:04 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क।Reliance AGM 2023: देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की एजीएम यानी एनुअल जनरल मीटिंग (Annual General Meeting) अगले हफ्ते 28 अगस्त (सोमवार) को होनी है। रिलायंस देश की उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है, जिनका एजीएम की चर्चा लगभग पूरे देश में होती है। इसका पूरा श्रेय रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी को जाता है, जिन्होंने निवेशकों के मन में इक्विटी बाजार के प्रति विश्वास पैदा किया।
कैसे Reliance AGM बना पॉपुलर इवेंट?
धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस की नींव रखी। अंबानी ने शुरू में ही पहचान लिया था कि अगर बाजार में लंबे समय टिकना है तो शेयरधारकों का विश्वास जितना जरूरी है। इस कारण शुरू से अंबानी निवेशकों में विश्वास पैदा करना शुरू कर दिया था। इसी का परिणाम था कि जब 1977 में रिलायंस टेक्सटाइल का आईपीओ शेयर बाजार में आया तो यह ओवरसब्सक्राइब्ड हुआ था।
इसके बाद रिलायंस ने हर साल एजीएम का आयोजन करना शुरू किया। इसमें रिलयांस के आम निवेशकों को बुलाया जाता था। धीरे-धीरे धीरूभाई अंबानी निवेशकों के बीच आईकॉन बन गए। धीरूभाई अंबानी खुलकर कंपनी की भविष्य योजनाएं निवेशकों के सामने एजीएम में रखते थे।
46th Annual General Meeting (Post-IPO) of Reliance Industries Limited at 2:00 PM, 28th August, 2023
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— Flame of Truth (@flameoftruth) August 23, 2023
1980 की शुरुआत में बॉम्बे के कूपरेज ग्राउंड में धीरूभाई अंबानी एजीएम का आयोजन करते थे। अंबानी की कोशिश अपने विजन के जरिए छोटे निवेशकों के मन में विश्वास पैदा करना था। क्योंकि संस्थागत निवेशक अपेक्षा छोटे निवेशकों से जुटाया गया धन अंबानी को अधिक स्वतंत्रता से ऑपरेट करने की शक्ति देता था।
धीरूभाई अंबानी पर हमिश मैकडोनाल्ड द्वारा लिखी पुस्तक "द पॉलीस्टर प्रिंस" में कहा गया कि शायद धीरूभाई अंबानी की लोकप्रियता 20 मई 1985 को चरम पर पहुंच गई थी। इस दौरान रिलायंस की ओर से बॉम्बे के कूपरेज ग्राउंड को किराए पर लिया गया था। इसमें 1984 के नतीजे पेश किए गए।
इस मीटिंग में करीब 12,000 शेयरधारकों ने भाग लिया था। कई निवेशक ग्राउंड पर बैठे हुए थे। यह शायद भारत में शेयरधारकों की अब तक की सबसे बड़ी मीटिंग थी। इसमें अंबानी ने बताया कि कंपनी के मुनाफे में 58.6 प्रतिशत की बढ़त हुई है। साथ 600 करोड़ से अधिक के कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स के बारे में बताया। इसी मीटिंग में रिलायंस ने अपने नाम के आगे से टेक्सटाइल नाम हटाने को लेकर भी मंजूरी ली। इसी तरह आज भी रिलायंस की एजीएम का सिलसिला जारी है।