रिलायंस ने तीन साल में सरकारी खजाने में जमा कराए 5 लाख करोड़, नौकरियां देने में भी रही नंबर वन
देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले तीन साल में सरकारी खजाने में 5 लाख 653 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। यह राशि टैक्स के तौर पर जमा कराई गई है। वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस ने 1.77 लाख करोड़ चुकाए हैं। इसकी जानकारी कंपनी की 46वीं सालाना आम बैठक (AGM) से पहले कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में आई है।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 06 Aug 2023 05:24 PM (IST)
नई दिल्ली, 6 अगस्त 2023: रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड पिछले तीन सालों में सरकारी खजाने में 5 लाख 653 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। यह रकम प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष टैक्स, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क व अन्य मदों में जमा कराए गए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस ने 1.77 लाख करोड़ चुकाए हैं। कंपनी की 46वीं सालाना आम बैठक (AGM) से पहले कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई। कंपनी की सालाना आम बैठक 28 अगस्त को होगी।
पिछले तीन वर्षों में रिलायंस द्वारा चुकाया गया पैसा कितना अधिक है, इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि भारत सरकार के कुल बजटीय व्यय का यह 5% से भी अधिक है। इससे पिछले वित्त वर्ष में भी रिलायंस ने 1.88 लाख रुपये का योगदान सरकारी खजाने में किया था। रिलायंस देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाली कंपनी बनी हुई है।
नौकरी देने वाली कंपनी में नंबर-1
नौकरियां देने में भी रिलायंस नंबर वन पर रही। वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस ने 95,167 नई नौकरियां सृजित की, इन्हें मिलाकर रिलायंस में कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 3.89 लाख हो गई है। इनमें से 2.45 लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ रिलायंस रिटेल का नाम देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में शामिल हो गया है। रिलायंस जियों में 95 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब रिलायंस ने हजारों नई नौकरियां सृजित की हैं। यहां तक की कोविड के दौर में भी कंपनी ने 75 हजार नई नौकरियां निकाली थी।
मुकेश अंबानी ने लगातार तीसरे साल नहीं ली सैलरी
भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने लगातार तीसरे साल कोई सैलरी नहीं ली। यानी वे पिछले तीन साल से बिना किसी वेतन के अपनी कंपनी में काम कर रहे हैं। कोविड महामारी के चलते जब अर्थव्यवस्था और बिजनेस प्रभावित हो रहे थे, तब कंपनी हित में मुकेश अंबानी ने स्वेच्छा से अपना वेतन छोड़ दिया था। रिलायंस की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गाय है कि वित्त वर्ष 2022-23 में अंबानी का पारिश्रमिक शून्य था।विगत तीन वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर की भूमिका के लिए मुकेश अंबानी ने वेतन के अलावा किसी भी प्रकार के भत्ते, अनुलाभ, सेवानिवृत्ति लाभ, कमीशन या स्टॉक ऑप्शनंस का लाभ भी नहीं लिया। इससे पहले व्यक्तिगत उदाहरण पेश करते हुए अंबानी ने अपनी सैलरी 15 करोड़ रु तक सीमित कर दी थी। वे 2008-09 से 15 करोड़ की सैलरी ले रहे थे।रिलायंस इंडस्ट्रीज में निखिल मेसवानी की सैलरी वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1 करोड़ रु बढ़कर 25 करोड़ रु सालाना पहुंच गई। 25 करोड़ रु वार्षिक वेतन पर हितल मेसवानी भी कंपनी में काम कर रहे हैं। ऑयल और गैस बिजनेस से जुड़े पी एम प्रसाद का वेतन 2021-22 में 11.89 करोड़ था जो 2022-23 में बढ़कर 13.5 करोड़ हो गया।