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रिलायंस फाउंडेशन की नई पशु कल्‍याण पहल 'वंतारा' की हुई शुरुआत

गुजरात में रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3000 एकड़ में फैला वंतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है। भारत में अपनी तरह की पहली पहल वंतारा की अवधारणा और जन्म अनंत अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड में निदेशक के भावुक नेतृत्व के तहत हुआ है।

By Jagran News Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Mon, 26 Feb 2024 07:44 PM (IST)
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वंतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है।
जामनगर (गुजरात)। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने सोमवार को पशु कल्‍याण को समर्पित वंतारा (स्‍टार ऑफ द फॉरेस्‍ट) कार्यक्रम के शुभारंभ की घोषणा की। यह भारत और विदेशों दोनों में घायल और लुप्तप्राय जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक व्‍यापक पहल है।

गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3000 एकड़ में फैले, वंतारा का लक्ष्य दुनिया भर में संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है।

जानवरों की देखभाल और कल्याण में अग्रणी विशेषज्ञों के साथ काम करके, वंतारा ने 3000 एकड़ की विशाल जगह को जंगल जैसे वातावरण में बदल दिया है जो बचाई गई प्रजातियों के पनपने के लिए प्राकृतिक आवास के जैसा है।

वंतारा, भारत में अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका जन्‍म आरआईएल और रिलायंस फाउंडेशन के निदेशक अनंत अंबानी के उत्साही नेतृत्व में हुआ है। अंबानी जामनगर में रिलायंस के महत्वाकांक्षी रिन्‍यूएबल एनर्जी बिजनेस को भी संभाल रहे हैं, और 2035 तक नेट कार्बन ज़ीरो कंपनी बनने की रिलायंस की यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं।

वंतारा अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल और पशु संरक्षण प्रथाओं पर केंद्रित है जिनमें अस्पताल, अनुसंधान और शैक्षणिक केंद्र भी शामिल हैं। अपने कार्यक्रमों के भीतर, वंतारा उन्नत अनुसंधान को एकीकृत करने और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संगठनों जैसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के साथ सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

पिछले कुछ वर्षों में, वंतारा पहल के तहत 200 से अधिक हाथियों, और हजारों अन्य जानवरों, सरीसृपों और पक्षियों को असुरक्षित स्थितियों से बचाया गया है। इसके तहत प्रमुख प्रजातियों जिनमें गैंडा, तेंदुआ और मगरमच्छ भी शामिल हैं, के पुनर्वास की पहल की गई है।

वंतारा ने मैक्सिको, वेनेजुएला आदि देशों में विदेशी बचाव अभियानों में भी भाग लिया है। भारत के साथ ही अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ऐसे सभी रक्षा और पुनर्वास मिशन सभी कानूनों का सख्‍ती से पालन करते हुए पूरे किए गए।

इस अवसर पर बोलते हुए, अनंत अंबानी ने कहा, "जो चीज मेरे लिए बहुत कम उम्र में एक जुनून के रूप में शुरू हुई थी, वह अब वंतारा और हमारी शानदार और प्रतिबद्ध टीम के साथ एक मिशन बन गई है। हम भारत की गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम भी महत्वपूर्ण आवासों को बहाल करना चाहते हैं और प्रजातियों के लिए तत्काल खतरों का समाधान करना चाहते हैं और वंतारा को एक अग्रणी संरक्षण कार्यक्रम के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।''

अनंत अंबानी ने कहा, ''हमें खुशी है कि हमारे प्रयासों को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। भारत और दुनिया के कुछ शीर्ष प्राणीशास्त्र और चिकित्सा विशेषज्ञ हमारे मिशन से जुड़े हैं और हमें सरकारी निकायों, अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों के सक्रिय सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। पशु देखभाल से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर वंतारा का लक्ष्य प्रशिक्षण के मामले में भारत के सभी 150 से अधिक चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और अन्य संबंधित सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करना है। हमें उम्मीद है कि वंतारा विश्व स्तर पर आशा की किरण बनेगी और यह प्रदर्शित कर सकती है कि कैसे एक दूरदर्शी संस्थान वैश्विक जैव विविधता संरक्षण पहल में मदद कर सकता है।"