Reliance Industries: सरकारी तेल कंपनियों की ATF पाइपलाइन का एक्सेस चाहती है रिलायंस, यह है पूरा मामला
अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) पब्लिक सेक्टर यानी सरकारी कंपनियों की पाइपलाइन और स्टोरेज तक पहुंच चाहती है। सरकारी कंपनियों ने पिछले कई वर्षों में इन पाइपलाइन स्टोरेज का निर्माण किया है। इसके जरिए वे स्टोरेज डिपो और ऑयल रिफाइनरी से हवाई अड्डों तक विमान ईंधन (ATF) की सप्लाई करती हैं। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) पब्लिक सेक्टर यानी सरकारी कंपनियों की पाइपलाइन और स्टोरेज तक पहुंच चाहती है। सरकारी कंपनियों ने पिछले कई वर्षों में इन पाइपलाइन स्टोरेज का निर्माण किया है। इसके जरिए वे स्टोरेज डिपो और ऑयल रिफाइनरी से हवाई अड्डों तक विमान ईंधन (ATF) की सप्लाई करती हैं।
पाइपलाइन एक्सेस क्यों चाहती है रिलायंस?
रिलायंस सरकारी कंपनियों की पाइपलाइन और स्टोरेज के एक्सेस की मदद से एशिया के कुछ व्यस्त हवाई अड्डों पर ईंधन कारोबार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करना चाहती है। फिलहाल, देश के कुल विमान ईंधन उत्पादन में रिलायंस की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है। यह सरकारी कंपनियों के मुकाबले काफी कम है।
यही वजह है कि रिलायंस स्टोरेज डिपो और पाइपलाइन का एक्सेस चाहती है। वह इसकी मांग करीब एक दशक से कर रही है। रिलायंस का कहना है कि इससे ATF की सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
पेट्रोलियम रेगुलेटर ने मांगा है सुझाव
पेट्रोलियम रेगुलेटर- भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने पाइपलाइन के जरिए एयरपोर्ट पर एटीएफ की सप्लाई के बारे में नियमों के मसौदे पर टिप्पणियां मांगी है। उसका मानना है कि एटीएफ सप्लाई में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ईंधन की लागत को कम करने के लिए सभी सप्लायर्स को पाइपलाइन का एक्सेस मिलना चाहिए। रिलायंस ने PNGRB के मसौदे पर ही यह सुझाव दिया है।
भारत का फ्यूल मार्केट फ्री है, लेकिन देश के व्यस्त एयरपोर्ट पर ATF की सप्लाई कई दशक से सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) की बनाई पाइपलाइन से की जाती है।