अपेक्षाओं के पहाड़ पर खड़ी रिलायंस ‘जिओ’ के सामने होंगी ये चुनौतियां
रिलायंस जिओ के सामने अपेक्षाओं के पहाड़ पर चुनौतियां क्या होंगी, जिनसे निपटकर ही कंपनी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर कब्जा करने का सपना पूरा कर सकती है।
By MMI TeamEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2016 01:46 PM (IST)
नई दिल्ली, (जेएनएन)। भारत में अब वॉयस कॉलिंग के लिए पैसा नहीं लगेगा। रिलायंस जिओ अपने ग्राहकों को दुनिया का सबसे सस्ता इंटरनेट मुहैया कराएगा और रिलायंस जिओ के ग्राहकों के लिए रोमिंग, ब्लैकआउट डे, महंगी ISD कॉल, इंटरनेट की हल्की स्पीड जैसी बातें इतिहास हो जाएंगी।
रिलायंस इंडस्ट्री की 42वीं एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी की ऐसी घोषणाएं निश्चित तौर पर कंपनी को अपेक्षाओं के पहाड़ पर खड़ा कर देती है। तमाम विशेषज्ञ मान रहे हैं कि रिलायंस जिओ की एंट्री के बाद टेलिकॉम इंडस्ट्री का चेहरा बदल जाएगा। ऐसे में यह जान लेना बेहद जरूरी है कि रिलायंस जिओ के सामने अपेक्षाओं के पहाड़ पर चुनौतियां क्या होंगी, जिनसे निपटकर ही कंपनी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर कब्जा करने का सपना पूरा कर सकती है। 1. कंपनी के सामने बेहतर सर्विस देना एक बड़ी चुनौती होगी। COAI के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यु के मुताबिक रिलायंस जिओ को नेटवर्क पर ट्रैफिक बढ़ने के बाद पर सर्विस की क्वालिटी को बेहतर रखना एक बड़ी चुनौती होगी। लोग कम पैसे देकर बेकार क्वालिटी के नेटवर्क पर स्विच नहीं करेंगे। ऐसे में जिओ को इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीक के स्तर पर बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। 2. जब कोई यूजर एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कनेक्ट करता है तो दूसरे नेटवर्क पर इंटरकनेक्ट पोर्ट की आवश्यकता होती है। मुकेश अंबानी ने अपने भाषण में यह बात कही है थी जिओ के यूजर्स की 5 करोड़ से ज्यादा कॉल्स दूसरे नेटवर्क पर इंटरकनेक्ट पोर्ट उपलब्ध न होने की वजह से कटी हैं। ऐसे में ग्राहकों के बीच यह संदेश जा रहा है कि जिओ की वॉयस क्वालिटी अच्छी नहीं है जबकि ऐसा दूसरे ऑपरेटर्स की वजह से हो रहा है। जो वे जानबूझकर कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में जिओ के सामने यह बड़ी समस्या होगी।
3. दूसरे ऑपरेटर्स भी जिओ के साथ अपने टैरिफ को घटा रहे हैं। एयरटेल ने हाल में की कटौती के बाद अपने प्रीपेड ग्राहकों को 51 रुपए प्रति जीबी का ऑफर दिया है। इसके लिए उनको 1498 रुपए का प्लान लेना होगा। ऐसे में जिओ बिना फ्री और बेहतर वॉयस कॉल सर्विस दिए अपनी जगह नहीं बना पाएगी।इस तरह मोबाइल बाजार की तस्वीर बदल देगी रिलायंस की 'जिओ' सर्विस
4. मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के समय दूसरे ऑपरेटर्स ग्राहक को आकर्षक ऑफर देकर रोकने की कोशिश करेंगे। अंबानी ने अपने भाषण में इस बात का जिक्र करते हुए यह कहा कि मैं अन्य मोबाइल नेटवर्क वाले साथियों से अपील करुंगा कि वे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी जैसी चीजों में ग्राहकों का सहयोग करें और व्यापार का अच्छा माहौल बनाएं। 5. रिलायंस जिओ के सामने बड़ी मात्रा में पूरे देश में सिम मुहैया कराने की चुनौती होगी। कंपनी की ओर से लिमिटेड फोन्स पर ट्राइल ऑफर्स के दौरान रात-रात भर लगकर जिओ के 4जी सिम खरीदने की बातें सामने आई थी। ऐसे में 5 सितंबर से पूरे देश में जिओ की सर्विस शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में भीड़ कनेक्शन लेना चाहिए। इस मांग को समय रहते पूरी करना कंपनी के लिए एक चुनौती होगी क्योंकि सर्विस देना का पहला चरण यहां से शुरू होगा जब ग्राहक के मन में कंपनी की छवि बनेगी।जिओ की 'डेटागिरी' से डरी टेलीकॉम कंपनियांं, टैरिफ में हो सकती है बड़ी कटौती