RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक आज करेगा मौद्रिक नीति की घोषणा, होम लोन के रेट में हो सकता है एक और बदलाव
पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई के खतरे को थामने के लिए आरबीआइ ने रेपो रेट में कुल 250 आधार अंकों (2.50 फीसद) की वृद्धि की है। इससे देश में कर्ज काफी महंगा हो गया है। होम लोन की दरों में औसतन 200 आधार अंकों की वृद्धि हो चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 06 Apr 2023 05:57 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। होम लोन, आटो लोन या दूसरे बैंकिंग कर्जों के महंगा होने का दौर अभी समाप्त होगा या कुछ समय तक और जारी रहेगा, इस बात का पता गुरुवार को चलेगा। ब्याज दरों पर फैसला करने वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों तक चली बैठक में क्या फैसला किया गया है, इसकी घोषणा समिति के चेयरमैन व आरबीआइ के गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास करेंगे।
महंगाई की चिंता
अधिकांश जानकार मान रहे हैं कि जिस तरह से अमेरिका, ब्रिटेन व कुछ दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाया है उसे देखते हुए भारत में भी रेपो रेट (वह दर जिससे बैंकों की अल्पकालिक अवधि की कर्ज स्कीमों पर दरें तय होती हैं) में 0.25 आधार अंकों की एक और वृद्धि हो सकती है। रेपो रेट में एक और वृद्धि का फैसला ना तो शेयर बाजार को पसंद आएगा और ना ही सरकार को और ना ही उद्योग जगत को।
वजह यह है कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई के खतरे को थामने के लिए आरबीआइ ने रेपो रेट में कुल 250 आधार अंकों (2.50 फीसद) की वृद्धि की है। इससे देश में कर्ज काफी महंगा हो गया है। होम लोन की दरों में औसतन 200 आधार अंकों की वृद्धि हो चुकी है।
उद्योग जगत पर भी ब्याज का बोझ बढ़ गया है। दूसरी तरफ महंगाई दर की स्थिति पहले से सुधरी है हालांकि यह अभी भी आरबीआइ की तरफ से निर्धारित सीमा से ज्यादा है।
फरवरी, 2023 में भारत में उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई की दर 6.44 फीसद थी। जबकि आरबीआइ की कोशिश है कि यह हर सूरत में छह फीसद के स्तर से नीचे रहे। आरबीआइ नीतिगत स्तर पर देश में महंगाई दर को चार फीसद (दो फीसद नीचे या दो फीसद उपर) रखने के लिए बाध्य है। इसमें असफल रहने पर उसे सरकार को सफाई देनी होती है।
रेपो रेट में वृद्धि का अनुमान
हाल ही में पहली बार आरबीआइ की तरफ से वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर इस बारे में सफाई दी गई है। फिनटेक कंपनी महाग्राम के सीईओ श्रीराम का कहना है कि आरबीआइ रेपो रेट में 25 आधार अंकों में और वृद्धि कर सकता है।
फरवरी, 2023 के बाद यह दूसरी वृद्धि होगी लेकिन मेरा अनुमान है कि यह रेपो रेट में वृद्धि का अंतिम फैसला होगा। इसका महंगाई रोकने पर असर होगा लेकिन वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए इसका दूसरे क्षेत्रों पर भी असर होने की संभावना है।नाइट फ्रैंक इंडिया के चैयरमैन शिशिर बजाज का कहना है कि महंगाई की समस्या पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। अब जबकि कच्चे तेल के वैश्विक उत्पादन में भी कटौती होने जा रही है जिसका असर भारत पर होना तय है।
यह भी देखना होगा कि पिछले एक वर्ष में रेपो रेट के चार फीसद से बढ़ कर 6.50 फीसद होने के बावजूद देश में आवास की मांग बहुत कम नहीं हुई है। ऐसे में 25 आधार अंकों की वृद्धि संभव है।