Move to Jagran APP

CPI Inflation: बढ़ती महंगाई से लोगों को मिली राहत, अगस्त में मुद्रास्फीति घटकर हुई 6.83 प्रतिशत

मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में धीमी होकर 6.83 प्रतिशत पर रही लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी रही। जुलाई के 7.44 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में उपभोक्ता मुद्रास्फीति धीमी गति से बढ़ी। जुलाई में महंगाई 15 महीने का उच्चतम स्तर पर थी।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 12 Sep 2023 08:06 PM (IST)
Hero Image
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने महंगाई कम हुई है।
 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने आज अगस्त महीने की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) यानी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने महंगाई कम हुई है।

कितनी कम हुई महंगाई?

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई के 7.44 प्रतिशत से घटकर 6.83 प्रतिशत हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

ये भी पढ़ें: Cardless Cash Withdrawal से कितना अलग है UPI ATM? जानिए आपको किसमें होगी ज्यादा आसानी

जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर थी महंगाई

आपको बता दें कि जुलाई के महीने में उपभोक्ता मुद्रास्फीति 7.44 प्रतिशत के स्तर पर अपने 15 महीने के उच्चतम स्तर पर थी जो अगस्त में मुख्य रूप से खाद्य तेल की कीमतों में कमी और सब्जी मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट के कारण कम रही।

किन चीजों के दाम हुए कम?

अगस्त में अनाज की कीमतों में कमी देखी गई। अनाज की कीमत में महंगाई जुलाई में 13 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में 11.6 प्रतिशत रही। दूध और दूध उत्पादों की मुद्रास्फीति जुलाई के 8.34 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में अगस्त में 7.7 प्रतिशत पर आ गई।

सब्जियों की अगर बात करें तो सब्जियां अभी भी महंगी है लेकिन जुलाई में इनकी कीमतों में 37.34 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में कम होकर 26.1 प्रतिशत रही।

वहीं तेल और वसा की कीमतों में पिछले महीने 16.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद 15.3 प्रतिशत की गिरावट आई।

ये भी पढ़ें: Saving Account से ज्यादा ब्याज देता है Recurring Deposit Account, रिस्क भी है कम, जानिए कितना होता है फायदा

औद्योगिक उत्पादन में तेजी 

घरेलू मांग के समर्थन से औद्योगिक उत्पादन में अगस्त में तेजी देखने को मिली। इस साल जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल जुलाई की तुलना में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स दोनों में 4.6-4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।

मैन्यूफैक्चरिंग में आई तेजी यह साबित करती है कि घरेलू स्तर पर मांग में बढ़ोतरी हुई है। कैपिटल गुड्स में बढ़ोतरी भविष्य में मैन्यूफैक्चरिंग के विस्तार की तैयारी को दर्शाता है। जुलाई में सिर्फ कंज्यूमर ड्यूरेबल के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2.7 प्रतिशत की गिरावट रही।