महंगाई के मोर्चे पर मिली राहत, मई में 4.75 फीसदी रहा रिटेल इन्फ्लेशन; अप्रैल के मुकाबले मामूली गिरावट
महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर सामने आई है। मई में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.75% पर आ गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.69 प्रतिशत रही जो अप्रैल में 8.70 प्रतिशत से मामूली कम है। इस महीने खुदरा मुद्रास्फीति 4.89 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
एजेंसी, नई दिल्ली। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच राहत भरी खबर सामने आई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.75% रही। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.83 प्रतिशत से घटकर मई में 4.75 प्रतिशत पर आ गई।
क्या कहते हैं आंकड़े?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.69 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8.70 प्रतिशत से मामूली कम है। फरवरी 2024 से हेडलाइन मुद्रास्फीति में क्रमिक रूप से कमी देखी गई है। हालांकि, यह फरवरी में 5.1 प्रतिशत से अप्रैल 2024 में 4.8 प्रतिशत तक सीमित रही है।
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RBI को मिले ये निर्देश
सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि सीपीआई मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, जिसमें पहली तिमाही 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही 4.5 प्रतिशत थी।
आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर पहुंचते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है।