Rice Export: सरकार ने बासमती चावाल का निर्यात मूल्य 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर किया, जानें वजह
सरकार ने आज बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य में बदलाव किया है। इस परिवर्तन के बाद न्यूनतम निर्यात मूल्य 1200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति टन कर दिया गया। इसके अलावा सरकार ने हाल ही में गैर-बासमति सफेद चावल के निर्यात को सात देशों के लिए मंजूरी दे दी थी। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 26 Oct 2023 06:54 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने बासमती चावल निर्यात के लिए न्यूनतम मूल्य में आज बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद निर्यात के लिए न्यूनतम मूल्य 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 अमेरिकी डॉलर प्रति टन हो गया है। सरकार के मुताबिक ऊंची कीमतें बाहरी शिपमेंट को प्रभावित कर रही हैं।
कॉमर्स मंत्रालय ने बताया कि
आपको बता दें कि सरकार ने 27 अगस्त को प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के संभावित "अवैध" शिपमेंट को प्रतिबंधित करने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था।यह बासमती चावल के निर्यात के लिए अनुबंध के पंजीकरण के लिए मूल्य सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है, जो 1,200 अमरीकी डालर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन है
चावल निर्यातक कीमत कम करने की कर रहे थे मांग
सरकार से चावल निर्यातक संघ (Rice exporter associations) पिछले दो महीनों से इस कीमत को कम करने की मांग कर रहे थे। इनके मुताबिक पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण भारत अपना निर्यात बाजार खो रहा है।
कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने उठाया है ये तमाम कदम
चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए, केंद्र सरकार कई कदम उठाएं है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद इस साल जुलाई में सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध लगाया। फिर उबले हुए गैर-बासमती चावल पर भी 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया।