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Rice Roti Rate: मई में फिर महंगी हुई वेज थाली, चिकन की कीमतों में गिरावट के बाद नॉन-वेज खाना सस्ता

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक Rice Roti Rate रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार मई महीने में वेज थाली की कीमतों में 9 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। दरअसल प्याज टमाटर और आलू की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से वेज थाली महंगी हुई है। वहीं नॉन-वेज थाली की में 7 फीसदी की गिरावट आई।

By Jagran News Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 06 Jun 2024 03:09 PM (IST)
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Rice Roti Rate: मई में फिर से महंगी हुई वेज थाली
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक "Rice Roti Rate" रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार मई महीने में वेज थाली की कीमतों में 9 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। दरअसल, प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से वेज थाली महंगी हुई है।

वहीं, नॉन-वेज थाली की में 7 फीसदी की गिरावट आई। पोल्ट्री की कीमतों में गिरावट आने की वजह से मांसाहारी थाली में नरमी आई। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर करती है।

थाली की कीमतों में बदलाव का असर आम आदमी के खर्च पर पड़ता है। क्रिसिल की रिपोर्ट से अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस आदि की कीमतों के बारे में भी पता चलता है।

क्यों महंगी हुई वेज थाली

टमाटर, आलू और प्याज की कीमतों में सालाना आधार पर तेजी आई है,जिसकी वजह से शाकाहारी थाली की लागत में वृद्धि हुई। रबी के फसल में उल्लेखनीय गिरावट के कारण प्याज की कीमतों में तेजी आई थी। वहीं, पश्चिम बंगाल में पिछेती झुलसा रोग और फसल क्षति के प्रतिकूल प्रभाव के कारण आलू की आवक में गिरावट के कारण कीमतों में वृद्धि हुई।

चावल की कीमत में साल-दर-साल 13% की वृद्धि हुई। वहीं, पिछले साल दालों के उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। चावल और दालों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से शाकाहारी थाली की कीमतों में साल-दर-साल में 21% की वृद्धि हुई।

इसके विपरीत, जीरा, मिर्च और वनस्पति तेल की कीमतें में कोई बदलाव नहीं हुआ, जिससे शाकाहारी थाली की लागत में और वृद्धि नहीं हुई।

सस्ती क्यों हो रही है नॉन-वेज थाली

नॉन-वेज थाली की कीमत में पिछले साल से गिरावट आई। पिछले वित्तीय वर्ष के उच्च आधार पर ब्रॉयलर की कीमतों में सालाना 16% की गिरावट की वजह से नॉन-वेज थाली सस्ती हो गई। हालाँकि, महीने-दर-महीने शाकाहारी थाली की कीमत 1% बढ़ी और नॉन-वेज थाली की कीमत 1% कम हुई।

आलू की कीमतों में 9% की वृद्धि के कारण शाकाहारी थाली की कीमत में महीने-दर-महीने मामूली वृद्धि हुई, जबकि अन्य प्रमुख घटकों की लागत मोटे तौर पर स्थिर रही। नॉन-वेज थाली की कीमत कम हो गई क्योंकि ब्रॉयलर की कीमत 2% घट गई।