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म्यूचुअल फंड निवेशकों के अधिकार होंगे और मजबूत, सेबी ने गठित की है एक विशेष समिति

शेयर बाजार के सूत्रों ने कहा है कि म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों के बढ़ते आकर्षण को देखते हुए दो महीने पहले एफएसडीसी की उच्चस्तरीय बैठक में यह सुझाव आया था कि इससे जुड़े नियमों को ज्यादा विस्तार देने व इसमें नये बदलावों को स्थान देने की जरूरत है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Wed, 23 Nov 2022 08:06 PM (IST)
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म्यूचुअल फंड निवेशकों के अधिकार होंगे और मजबूत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: निवेश बाजार की नियामक एजेंसी सेबी फिलहाल म्यूचुअल फंड सेक्टर को लेकर कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आ रही है। एक हफ्ते पहले ही म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों को अपने निवेश को वापस लेने व उनकी लाभांश की राशि को लेने को लेकर नये नियम लागू करने के बाद सेबी इस सेक्टर के मौजूदा कई दूसरे नियमों को भी बदलने की तैयारी में है।

निवेशकों के अधिकारों में होगी बढ़ोतरी

नये नियम के जरिए निवेशकों के अधिकार को बढ़ाया जाएगा, उनके निवेश को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा जबकि दूसरी तरफ म्यूचुअल फंड (एमएफ) चलाने वाली कंपनियों के लिए भी निवेश के नियमों को बदला जाएगा। यानी एमएफ कंपनियां निवेशकों के पैसे को कहां कहां निवेश कर सकती हैं और निवेश की सीमा क्या होनी चाहिए, इससे जुड़े मौजूदा नियमों को भी बदला जाएगा। शेयर बाजार के सूत्रों ने कहा है कि म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों के बढ़ते आकर्षण को देखते हुए दो महीने पहले वित्तीय स्थायित्व व विकास समिति (एफएसडीसी) की उच्चस्तरीय बैठक में यह सुझाव आया था कि इससे जुड़े नियमों को ज्यादा विस्तार देने व इसमें नये बदलावों को स्थान देने की जरूरत है।

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सेबी ने किया है समिति का गठन

उद्देश्य यह होना चाहिए कि म्यूचुअल फंड बाजार की मौजूदा व्यवस्था और परिपक्व हो और निवेशकों के साथ ही कंपनियों को भी ज्यादा विकल्प मिले। एफएसडीसी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा आरबीआइ, सेबी, पेंशन नियामक एजेंसी पीएफआरडीए, बीमा नियामक एजेंसी आइआरडीए के अलावा कुछ दूसरी एजेंसियों के चेयरमैन सदस्य होते हैं। इस बैठक के बाद ही सेबी की तरफ से एक समिति का गठन किया गया है। समिति की सिफारिशों को आगामी बजट से पहले अंतिम रूप देने को कहा गया है ताकि इसके कुछ हिस्से की घोषणा बजट 2023-24 में की जा सके। उक्त सूत्रों का कहना है कि समिति को कहा गया है कि वह म्यूचुअल फंड की तरफ से एक सेक्टर में या किसी एक कंपनी में अधिकतम निवेश करने की सीमा को बदलने पर भी अपने सुझाव दे।

म्यूचुअल फंड्स में अधिकतम 25 फीसद निवेश संभव

अभी के नियम के मुताबिक एक सेक्टर में किसी म्यूचुअल फंड्स की तरफ से अधिकतम निवेश की सीमा 25 फीसद है जबकि किसी खास कंपनी में निवेश की सीमा 10 फीसद ही है। समिति के गठन के बाद से ही म्यूचुअल फंड बाजार में यह धारणा है कि विभिन्न सेक्टरों में निवेश की सीमा को बढ़ाया जाना तय है। एसोसिएशन ऑफ इंडियन म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की ताजी रिपोर्ट बताती है कि भारत में एमएफ का कुल आकार अक्टूबर, 2022 के अंत में 39.53 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। पिछले दस वर्षों में इस बाजार का आकार पांच गुणा बढ़ चुका है। देश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाला खातों की संख्या 13.91 करोड़ है। इसमें से 59.33 लाख से ज्यादा एसआइपी यानी मासिक स्तर पर फंड में निवेश करने वाले निवेशक हैं। छोटे निवेशकों की बढ़ती संख्या एक बड़ी वजह है कि सेबी इससे जुड़े तंत्र को लेकर ज्यादा सतर्क है।

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