UPI हर महीने स्थापित कर रहा नए कीर्तिमान, एक्सपर्ट्स बोले- डिजिटल लेनदेन में इजाफा दे रहा खपत बढ़ने के संकेत
Digital Payment News देश में बढ़ते हुए डिजिटल लेनदेन को लेकर जानकारों का कहना है कि यह देश में तेजी से बढ़ती हुई खपत को दर्शाता है। इसके साथ ही यह डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए भी अच्छा है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 04:08 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में लोग तेजी से डिजिटल लेनदेन को अपना रहे हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि देश में क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च और यूपीआई से होने वाले लेनदेन में इजाफा होना, इस बात का संकेत दे रहा है कि देश में खपत बढ़ रही है।
एसबीआई कार्ड के एमडी और सीईओ रामा मोहन राव अमारा ने कहा कि आरबीआई के डाटा के अनुसार, क्रेडिट कार्ड से भुगतान वित्त वर्ष 2016-17 से लेकर वित्त वर्ष 2021-22 के बीच 16 फीसदी के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ सालों में क्रेडिट कार्ड को अपनाने और उससे लेनदेन करने का चलन बढ़ा है। पिछले कुछ महीनों से देश में क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च लगातार एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर रहा है। आने वाले त्यौहारी सीजन को देख कर लग रहा है कि इसमें और वृद्धि हो सकती है।
डिजिटल लेनदेन में बड़ा इजाफा
आरबीआई के मासिक डाटा के अनुसार, अगस्त में यूपीआई से कुल 10.73 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था, जो कि इस साल अप्रैल में 9.83 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह पीओएस (Point of Sale) पर क्रेडिट कार्ड से लेनदेन अगस्त में 32,383 करोड़ रुपये हो गया, जो कि अप्रैल में इस साल 29,988 करोड़ रुपये था। वहीं, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर क्रेडिट कार्ड से खर्च अगस्त में 55,264 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, यह इस साल अप्रैल में 51,375 करोड़ रुपये पर था।डिजिटल लेनदेन करना पसंद कर रहे उपभोक्ता
जानकारों का कहना है कि देश में तेजी से डिजिटल लेनदेन में होने वाली वृद्धि इस बात को भी दर्शाती है कि लोगों का डिजिटल भुगतान करने में विश्वास बढ़ा है और इसे प्राथमिकता दे रहे हैं।PayNearby के एमडी और सीईओ आनंद कुमार बजाज का कहना है कि यूपीआई और कार्ड से लेनदेन में इजाफा होना देश के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए अच्छा है। भारतीय उपभोक्ता और व्यापारियों को भी डिजिटल मोड़ से भुगतान करने में आसानी और सुरक्षा का एहसास हुआ है, जिसके कारण यह व्यवहारिक बदलाव आया है।