दाल और मसालों की बढ़ती कीमत सरकार के लिए चुनौती, बोआई में 8.5 प्रतिशत की आई कमी
सितंबर में खुदरा महंगाई दर अगस्त के मुकाबले कम रह सकती है लेकिन दालों और मसालों की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए चुनौती बनी हुई हैं। शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद बोलते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी दालों और मसालों की कीमतें को चुनौतीपूर्ण बताया। हालांकि जुलाई में महंगाई उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद सितंबर में कम होने की उम्मीद है।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 06 Oct 2023 08:10 PM (IST)
राजीव कुमार, नई दिल्ली: सितंबर में खुदरा महंगाई की बढ़ोतरी दर अगस्त से कम रह सकती है, लेकिन दाल व मसाले की बढ़ती कीमत सरकार के लिए अब भी चुनौती है। मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद के संबोधन में शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी दाल व मसाले की बढ़ती कीमतों को चुनौतीपूर्ण बताया।
जुलाई में भी रिकॉर्ड महंगाई
जुलाई में मुख्य रूप से टमाटर की खुदरा कीमत 200 रुपए के पार जाने की वजह से खुदरा महंगाई 7.7 प्रतिशत के स्तर पर चली गई थी। अगस्त में टमाटर व सब्जी के दाम कम होने से खुदरा महंगाई दर 6.8 प्रतिशत पर आ गई।
महंगाई से राहत मिलने की संभावना कम
फिलहाल सब्जी व टमाटर के दाम तो अगस्त से भी कम हो गए हैं, लेकिन दाल व मसाले की खुदरा कीमतें अब भी बढ़ रही है। अगस्त महीने में दाल की खुदरा कीमतों में पिछले साल अगस्त के मुकाबले 13.04 प्रतिशत तो मसाले में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। सितंबर में भी दाल के दाम में बढ़ोतरी जारी रहेगी।
इसका असर यह होगा कि सितंबर महीने की खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत के आसपास रहेगी जबकि आरबीआई इस महंगाई दर को चार प्रतिशत तक लाना चाहता है।
दाल के खुदरा दाम कम होने पर महंगाई दर में और कमी आ सकती है, लेकिन फिलहाल इसकी कोई संभावना नहीं दिख रही है। क्योंकि मानसून में देरी से दाल की बुवाई में वर्ष 2022 की तुलना में इस साल 8.5 प्रतिशत की कमी है।