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रईसों की गाड़ियों के धुएं में उड़ गए सरकार के 12 हजार करोड़

तेल मंत्रालय ने एक चौकाने वाला सच पेश किया है। देश भर की एसयूवी कारें और लग्जरी कारें 12,100 करोड़ रुपये का सस्ता यानी सब्सिडी वाला डीजल पी जाती हैं। पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण कक्ष (पीपीएसी) के लिए नेल्सन द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात कही गई। इस अध्ययन ने पता चला है कि साल 2012-13 के दौरान भारत में कुल 6

By Edited By: Updated: Wed, 29 Jan 2014 12:35 PM (IST)
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नई दिल्ली। तेल मंत्रालय ने एक चौकाने वाला सच पेश किया है। देश भर की एसयूवी कारें और लग्जरी कारें 12,100 करोड़ रुपये का सस्ता यानी सब्सिडी वाला डीजल पी जाती हैं। पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण कक्ष (पीपीएसी) के लिए नेल्सन द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात कही गई। इस अध्ययन ने पता चला है कि साल 2012-13 के दौरान भारत में कुल 69.08 मिलियन टन डीजल का इस्तेमाल किया गया जिसमें से 13.15 फीसद डीजल प्राइवेट कारों में डाला गया।

वहीं, कमर्शियल वाहनों में 8.94 फीसद और तिपहिया वाहनों में 6.39 फीसद सब्सिडी वाले डीजल का इस्तेमाल किया गया। कमर्शियल वाहनों जैसे ट्रक में सबसे ज्यादा 28.25 फीसद डीजल डाला गया। अध्ययन में कहा गया है कि 70 फीसद डीजल का इस्तेमाल ट्रांस्पोर्ट सेक्टर द्वारा किया गया। एग्रीकल्चर ट्रैक्टर और पंप द्वारा 13 फीसद डीजल का इस्तेमाल किया गया। इंडस्ट्री और इलेक्ट्रिक जनरेटर द्वारा करीब 9 फीसद डीजल का उपभोग किया गया, जबकि मोबाइल टावर में 1.54 फीसद डीजल ईधन का इस्तेमाल हुआ है। अध्ययन में यह भी पता चला है कि 99.6 फीसद पेट्रोल का इस्तेमाल अकेले ट्रांस्पोर्ट सेक्टर द्वारा किया जाता है।

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'इसमें से सर्वाधिक 61.42 फीसद पेट्रोल का इस्तेमाल दोपहिया वाहनों में किया गया, जबकि कारों में 34.33 फीसद पेट्रोल डाला गया। इसके अलावा, तिपहिया वाहनों में केवल 2.34 फीसद पेट्रोल का इस्तेमाल हुआ।' यह भी पता चला है कि उड़ीसा, बिहार और राजस्थान में 70 फीसद पेट्रोल का इस्तेमाल दोपहिया वाहनों में किया जाता है। दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और उड़ीसा के तिपहिया वाहनों में पेट्रोल का इस्तेमाल नाम मात्र का होता है।

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बयान में कहा गया, 'पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त किया गया है, जबकि डीजल पर अब भी सरकार का नियंत्रण है। वर्तमान में सब्सिडी डीजल पर 8.47 रुपये प्रति लीटर की छूट मिलती है।'

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साल 2012-13 के दौरान डीजल पर कुल सब्सिडी का भार 92,061 करोड़ रुपये रहा, जोकि कुल ईधन सब्सिडी का 57.2 फीसद है। यहां डीजल के इस्तेमाल पर सवाल खड़ा हो जाता है। सेक्टर के आधार पर देखें तो सिर्फ प्राइवेट कारों और एसयूवी के मालिकों द्वारा 12,100 करोड़ रुपये का डीजल इस्तेमाल किया गया है।