मास्टरकार्ड व वीजा को वैश्विक स्तर पर टक्कर देगा RuPay Card, G-20 बैठक में RBI अपने उत्पादों की करेगा नुमाइश
आगामी नौ व 10 सितंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में होने वाली जी-20 के शीर्ष नेताओं की बैठक में आरबीआइ अपने पांच डिजिटल उत्पादों को दुनिया को दिखाएगा। इसमें RuPay Card भी शामिल होगा। बता दें रुपे ऑन गो कार्ड को रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल रूप में भी इस कार्ड को रख सकेंगे और सभी प्रकार के भुगतान भी इससे किए जा सकेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 05 Sep 2023 09:37 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत का रुपे कार्ड विदेशी मास्टरकार्ड (MasterCard) व वीजा को वैश्विक स्तर पर टक्कर देगा। आरबीआइ (RBI) इसकी पूरी तैयारी कर चुका है। आगामी नौ व 10 सितंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में होने वाली जी-20 के शीर्ष नेताओं की बैठक में आरबीआइ अपने पांच डिजिटल उत्पादों को दुनिया को दिखाएगा।
इनमें यूपीआइ वन वर्ल्ड, फ्रिक्शनलेस क्रेडिट प्लेटफार्म, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, रुपे ऑन दि गो और भारत बिल पेमेंट सिस्टम शामिल है। ये सभी उत्पाद दुनिया में छा जाने की ताकत रखते है और आरबीआइ की मंशा भी यही है।
RuPay Card का शुल्क मास्टरकार्ड की तुलना में काफी कम
उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि अभी दुनिया भर में क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए उपभोक्ता मुख्य रूप से मास्टरकार्ड या वीजा का इस्तेमाल करते हैं। इन कार्ड के इस्तेमाल पर शुल्क भी अधिक लगता है। रुपे ऑन गो कार्ड के इस्तेमाल पर शुल्क भी मास्टरकार्ड व वीजा की तुलना में काफी कम होगा और इसमें अतिरिक्त तकनीकी सुविधा भी होगी।
सूत्रों के मुताबिक रुपे ऑन गो कार्ड को रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल रूप में भी इस कार्ड को रख सकेंगे और सभी प्रकार के भुगतान भी इससे किए जा सकेंगे।
यूपीआई भुगतान प्रणाली में कई देशों ने दिखाई दिलचस्पी
उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक रुपे ऑन गो और यूपीआई (UPI) भुगतान सुविधा के लिए लैटिन अमेरिका व अफ्रीका के कई देश भारत के संपर्क में है। रुपे कार्ड के वैश्विक स्तर पर चलन में आने से विदेश में भुगतान के लिए डॉलर की जरूरत नहीं रहेगी और निर्यात का भुगतान भी किया जा सकेगा।
फ्रिकशनलेस क्रेडिट का पायलट प्रोजेक्ट पिछले साल से देश के कई राज्यों में चल रहा है जिसके तहत चंद मिनट में ग्राहक के खाते में लोन की राशि क्रेडिट हो जाती है। फिलहाल किसान और डेयरी उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं।आरबीआइ सूत्रों के मुताबिक जल्द ही एमएसएमई व पर्सनल लोन भी फ्रिकशनलेस क्रेडिट प्लेटफार्म से दिए जा सकेंगे। बाद में सभी प्रकार के लोन के लिए यह विधि अपनाई जा सकती है। भारत की यूपीआई भुगतान प्रणाली को लेकर पहले ही कई छोटे-बड़े देश अपनी दिलचस्पी जाहिर कर चुके हैं।
आरबीआइ की प्रदर्शन में भारत बिल पेमेंट सिस्टम को भी दर्शाया जाएगा जिसके माध्यम से विदेश में रहने वाले भारतीय बिना किसी खाता का इस्तेमाल किए भारत में अपने बिलों का भुगतान कर सकेंगे। भारत का उद्देश्य सभी देशों को अपने डिजिटल इनोवेशन को दिखाना और उसे अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
ये भी पढ़ें: भारत के पास हर महीने 100 बिलियन UPI ट्रांजैक्शन करने की क्षमता, 2030 तक प्रति दिन होंगे 2 बिलियन लेन-देन