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तेरह माह के निचले स्तर पर रुपया

रुपये में कमजोरी बदस्तूर बनी हुई है। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया मंगलवार को 13 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया। कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में जारी गिरावट और शेयर बाजार में हड़कंप के बीच आयातकों के साथ कुछ बैंकों की ओर से डॉलर की जोरदार मांग निकली।

By Manoj YadavEdited By: Updated: Tue, 16 Dec 2014 09:32 PM (IST)
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मुंबई। रुपये में कमजोरी बदस्तूर बनी हुई है। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया मंगलवार को 13 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया। कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में जारी गिरावट और शेयर बाजार में हड़कंप के बीच आयातकों के साथ कुछ बैंकों की ओर से डॉलर की जोरदार मांग निकली। इससे अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 59 पैसे कमजोर होकर 63.54 के स्तर पर बंद हुई। सोमवार को भी रुपया 65 पैसे कमजोर हुआ था।

डीलर मानते हैं कि संभवत: रिजर्व बैंक ने भी बाजार में हस्तक्षेप किया हो, लेकिन सरकारी बैंकों के जरिये डॉलर की बिकवाली का कोई खास असर नहीं पड़ा।

चीन में मैन्यूफैक्चरिंग के कमजोर आंकड़ों के बीच कच्चे तेल की कीमतों में जारी गिरावट के चलते स्थानीय मुद्रा पर दबाव बना रहा। शेयर बाजारों में तेज गिरावट का भी इस पर असर पड़ा। पौंड और यूरो की तुलना में भी रुपये में कमजोरी आई। यूरो के मुकाबले रुपया 1.24 रुपये तो पौंड की तुलना में 0.83 पैसे कमजोर हुआ।

कच्चा तेल 59 डॉलर प्रति बैरल के नीचे

चीन की औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार घटने और विकासशील देशों की मुद्राओं के कमजोर होने से कच्चे तेल (क्रूड) की मांग को लेकर नए सिरे से चिंताएं उत्पन्न हो गई। मंगलवार को यह मई, 2009 से पहली बार 59 डॉलर प्रति बैरल के नीचे पहुंच गया। लंदन ब्रेंट क्रूड 2.12 डॉलर फिसलकर 58.94 डॉलर प्रति बैरल बोला गया। इसी प्रकार यूएस क्रूड 1.73 डॉलर टूटकर 54.18 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चे तेल की इस गिरावट का भारत को फायदा मिलना तय है। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और कमी देखी जा सकती है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसद तेल आयात करता है।

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