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2047 तक रुपये को बनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय करेंसी, विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं खत्म

डीजीएफटी की अधिसूचना के बाद रुपये में आयात-निर्यात की सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं। रूस सऊदी अरब ईरान जैसे कई देशों के साथ रुपये में जल्द ही कारोबार शुरू हो सकता है। सरकार रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं दूर करने का प्रयास कर रही है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 06:40 PM (IST)
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Rupee will be made international currency by 2047
नई दिल्ली, जागरण। सरकार ने रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत पिछले सप्ताह विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से रुपये में आयात-निर्यात को लेकर अधिसूचना जारी की गई। इससे रुपये में विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार 2047 तक रुपये को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में स्थापित करना चाहती है, ताकि आजादी के 100 साल से पहले भारत की करेंसी भी किसी अन्य करेंसी से कम मूल्यवान नहीं रहे। हाल ही में वित्त मंत्रालय और वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में रुपये को वैश्विक करेंसी में स्थापित करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने पर चर्चा की गई।

इन देशों के साथ जल्द शुरू हो सकता है कारोबार

अभी 40 प्रतिशत से अधिक वैश्विक कारोबार अमेरिकी डालर में होता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के सीईओ और महानिदेशक अजय सहाय का कहना है कि रूस के साथ जल्द ही रुपये में कारोबार शुरू हो सकता है। इसके बाद सऊदी अरब के साथ भी ऐसी संभावना है। यह निश्चित रूप से रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। फियो के पूर्व अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने बताया कि श्रीलंका, बांग्लादेश, मैक्सिको, ब्राजील जैसे देश भी भारत के साथ रुपये में कारोबार कर सकते हैं।

आयात बिल में मिलेगी राहत

निर्यातकों ने बताया कि डालर की तंगी झेल रहे देश रुपये में कारोबार करने के लिए तैयार हो जाएंगे। विदेश व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक, रूस और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू होने से देश के आयात बिल में राहत मिलेगी। दोनों ही देशों से भारत के आयात में लगातार तेजी आ रही है।

संभावित देशों से आयात की स्थिति

देश                   आयात                        बढ़ोतरी

सऊदी अरब       2,723 करोड़ डालर       110 प्रतिशत

रूस                  1,666 करोड़ डालर       290 प्रतिशत

ब्राजील               376.9 करोड़ डालर       50.73 प्रतिशत

मैक्सिको             232.3 करोड़ डालर       25.49 प्रतिशत

ईरान                  36.14 करोड़ डालर       35.33 प्रतिशत

(स्रोत: वाणिज्य मंत्रालय)

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