Saving Account Vs Current Account: कौन-सा है बेस्ट ऑप्शन, क्या है इन दोनों में अंतर; जानें सबकुछ
Saving Account Vs Current Account बैंक में अकाउंट ओपन करते समय हमें अक्सर सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में से कोई एक ऑप्शन को सेलेक्ट करना होता है। कई लोगो सेविंग अकाउंट के ऑप्शन को सेलेक्ट करते हैं तो कई करंट अकाउंट को चुनते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि इन दोनों में क्या अंतर है। पढ़ें पूरी खबर..
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वर्तमान में यूपीआई ट्रांजैक्शन हो या फिर किसी दूसरे व्यक्ति को ऑनलाइन पेमेंट करनी की बात हो तो हमें बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है।
जब भी बैंक अकाउंट ओपन करते हैं तो बैंक हम से सेविंग अकाउंट (Saving Account) और करंट अकाउंट (Current Account) में से कोई एक ऑप्शन को सेलेक्ट करने के लिए कहते हैं।
कई लोग सेविंग अकाउंट ओपन करते हैं तो कई करंट अकाउंट। आज हम आपको बताएंगे कि सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट (Saving Account Vs Current Account) में क्या अंतर है और इनमें से कौन-सा ऑप्शन बेस्ट है।
वैसे तो इन दोनों अकाउंट का इस्तेमाल ट्रांजेक्शन करने और पैसे डिपॉजिट करने के लिए किया जाता है। लेकिन इन दोनों अकाउंट के फीचर इसे एक दूसरे से काफी अलग करते हैं।
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सेविंग अकाउंट के फीचर
- सेविंग अकाउंट उन लोगों के लिए होता है जो सेविंग के लिए अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इसे बचत खाता भी कहते हैं।
- सेविंग अकाउंट में मौजूद राशि के आधार पर बैंक द्वारा ब्याज दिया जाता है।
- कई बैंक में ग्राहक जीरो बैलेंस (Zero Balance) पर भी अकाउंट को ओपन कर सकते हैं। वहीं कुछ बैंक कस्टमर के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट भी तय करते हैं।
- सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के साथ मैक्सिमम बैलेंस की भी लिमिट होती है।
- सेविंग अकाउंट होल्डर हर महीने एक लिमिट तक ही अकाउंट से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। अगर उन्हें लिमिट से ज्यादा ट्रांजेक्शन करना होता है तब उन्हें बैंक से परमिशन लेना होता है।
- अगर सेविंग अकाउंट होल्डर को एक वित्त वर्ष के भीतर 10,000 रुपये से ज्यादा ब्याज आता है तो उन्हें इंटरेस्ट पर टैक्स (Tax) का भुगतान करना होता है। सीनियर सिटीजन के लिए यह लिमिट 50,000 रुपये होती है।
- सेविंग अकाउंट होल्डर को बैंक लॉकर पर 15 से 30 फीसदी तक की छूट मिलती है।
- सेविंग अकाउंट के जरिये कस्टमर आसानी से क्रेडिट कार्ड या फिर इंश्योरेंस के प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं।
करंट अकाउंट के फीचर
- बिजनेस ट्रांजैक्शन के पर्पस से करंट अकाउंट ओपन किया जाता है। इसलिए इसे चालू खाता भी कहते हैं।
- इस अकाउंट में बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।
- अकाउंट पर किसी भी प्रकार का कोई इंटरेस्ट नहीं लगता है इस वजह से अकाउंट होल्डर को करंट अकाउंट पर कोई टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है।
- करंट अकाउंट होल्डर को अकाउंट में मिनिमम बैलेंस को मेंटेन करना होता है। हालांकि, इसमें मैक्सिमम बैलेंस की कोई लिमिट नहीं होती है।
- यह अकाउंट बिजनेस ट्रांजैक्शन के लिए ओपन किया जाता है। इस वजह से इस अकाउंट के जरिये एक महीने में कितना भी ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
- करंट अकाउंट होल्डर देश के किसी भी बैंक में जाकर कैश विड्रॉ कर सकते हैं।
- करंट अकाउंट होल्डर को आसानी से लोन (Loan) भी मिल जाता है। कई बैंक करंट खाता धारक को डोर स्टेप लोन की भी सुविधा देता है।
- करंट खाताधारक ड्राफ्ट (Draft) के जरिये भी आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।