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इन्फ्रा प्रोजेक्ट की फंडिंग के लिए आगे आया SBI, बॉन्ड जारी करके जुटाए 10,000 करोड़ रुपये

SBI Bond देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उन्होंने बॉन्ड के जरिये 10000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह बॉन्ड इन्फ्रा प्रोजेक्ट में फंडिंग के लिए जारी किया गया है। बैंक ने 7.36 फीसदी की कूपन रेट पर बॉन्ड जारी किया। इस बॉन्ड के लिए निवेशकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 26 Jun 2024 03:26 PM (IST)
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SBI Bond: एसबीआईI ने जुटाए 10,000 करोड़ रुपये

पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शेयर मार्केट को बताया कि उसने बॉन्ड जारी करके 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह राशि बैंक ने इन्फ्रा प्रोजेक्ट को फंडिंग करके जुटाए हैं। बैंक ने यह फंड 7.36 फीसदी की कूपन रेट पर जुटाया है।

निवेशकों से मिली अच्छी प्रतिक्रिया

एसबीआई ने शेयर बाजार को बताया कि इस फंडिंग के लिए उन्हें निवेशकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। निवेशकों ने 19,884 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियों लगाई है। इसका बेस इश्यू साइज 5,000 करोड़ रुपये है, जिसपर निवेशकों से चार गुना से ज्यादा अभिदान मिला है।

बॉन्ड को लेकर कुल 143 बोलियां लगाई गई हैं। यह बोलियों से विविधता के साथ व्यापक भागीदारी का संकेत देती है।

एसबीआई ने बताया कि निवेशक भविष्य निधि (provident funds), पेंशन फंड (pension funds), बीमा कंपनियां (insurance companies), म्यूचुअल फंड (mutual funds), कॉरपोरेट्स आदि से थे।

बैंक ने कहा कि इस बॉन्ड के जरिये होने वाली इनकम का इस्तेमाल इन्फ्रा और किफायती आवास के लिए किया जाएगा। इसके अलावा दीर्घकालिक संसाधनों को बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

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एसबीआई ने नियामक फाइलिंग में कहा कि

निवेशकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया के आधार पर बैंक ने सालाना देय 7.36 प्रतिशत की कूपन रेट पर 10,000 करोड़ रुपये स्वीकार करने का निर्णय लिया है। यह संबंधित FBIL G-Sec par curve पर 21 बीपीएस के प्रसार का प्रतिनिधित्व करता है।

वर्तमान निर्गम के साथ बैंक द्वारा जारी कुल बकाया दीर्घकालिक बॉन्ड 49,718 करोड़ रुपये है। बैंक ने कहा कि यग निर्गम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि लंबे टेन्योर से बैंक जुटाने में सफल रहा है।

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि यह जारी करने से लॉन्ग-टर्म बॉन्ड कर्व को विकसित करने में बढ़ावा मिल रहा है और लंबे टेन्योर के लिए बॉन्ड जारी करने के लिए प्रेरित भी करता है।

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