SBI Ecowrap Report: छोटे उद्यमियों के लोन में बढ़ोतरी, रोजगार निकलने के आसार
बड़े उद्योगों की तुलना में छोटे उद्यमी अधिक कर्ज ले रहे हैं जो उनके कारोबार में बढ़ोतरी को जाहिर कर रहा है। सभी सरकारी बैंकों के आंकड़ों के मुताबिक बैंकों से लिए जाने वाले कर्ज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और चालू वित्त वर्ष 2023-24 के 11 अगस्त तक सभी प्रकार के कर्ज में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 19.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बड़े उद्योगों की तुलना में छोटे उद्यमी अधिक कर्ज ले रहे हैं जो उनके कारोबार में बढ़ोतरी को जाहिर कर रहा है। सभी सरकारी बैंकों के आंकड़ों के मुताबिक, बैंकों से लिए जाने वाले कर्ज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और चालू वित्त वर्ष 2023-24 के 11 अगस्त तक सभी प्रकार के कर्ज में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 19.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
क्या कहती है एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट
इस अवधि में औद्योगिक कर्ज में पिछले साल की तुलना में 5.8 प्रतिशत का इजाफा रहा। एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक, औद्योगिक कर्ज में बड़ी हिस्सेदारी एमएसएमई की है। चालू वित्त वर्ष में एमएसएमई की तरफ से लिए जाने वाले कर्ज में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि बड़े उद्योग के कर्ज में सिर्फ 4.3 प्रतिश की बढ़ोतरी रही।
पर्सनल लोन में 31.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ
एसबीआई इकोरैप के मुताबिक, सबसे अच्छी बात यह है कि कर्ज कुछ खास सेक्टर या उद्योग तक सीमित नहीं रहा है बल्कि सभी प्रकार के सेक्टर ने कर्ज लिए हैं। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक सर्विस सेक्टर के कर्ज में पिछले साल की तुलना में 23.1 प्रतिशत, कृषि व संबंधित कर्ज में 16.8 प्रतिशत तो पर्सनल लोन में 31.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
कारोबार का विस्तार होने पर नए रोजगार की संभावना
एमएसएमई संगठनों के मुताबिक, घरेलू स्तर पर मांग निकलने से उन्हें लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं और पिछले साल की तुलना में वे अपने कारोबार का विस्तार भी कर रहे हैं। इससे उन्हें अधिक लोन की जरूरत हो रही है। छोटे उद्यमियों ने बताया कि कारोबार का विस्तार होने पर नए रोजगार निकलने की संभावना है। ऑटो व इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़े एमएसएमई का कारोबार लगातार बढ़ रहा है।
उद्यम पोर्टल पर 2.5 करोड़ एमएसएमई का पंजीयन
दूसरी तरफ एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर अब तक 2.5 करोड़ एमएसएमई अपना पंजीयन करा चुके हैं। इनमें 63.48 करोड़ माइक्रो यूनिट है, जिन्होंने उद्यम एसिस्ट प्लेटफार्म (यूएपी) के जरिए अपना पंजीयन कराया है। यूएपी को इस साल के आरंभ में लांच किया गया था ताकि स्ट्रीट वेंडर जैसी माइक्रो यूनिट सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत हो सके। उद्यम पोर्टल पर पंजीयन के बाद ही किसी भी एमएसएमई को सरकारी स्कीम का लाभ मिल सकेगा।