एसबीआई ने लगाया अनुमान, दूसरी तिमाही में सात प्रतिशत रह सकती है विकास दर; जानिए क्या है कारण
कृषि विनिर्माण सेवा और निर्यात क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.9% से 7.1% रहने का अनुमान लगाया है। एसबीआई का पूर्वानुमान आरबीआई के 6.5% के पूर्वानुमान से अधिक है। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए जीडीपी ग्रोथ डेटा 30 नवंबर को जारी किया जाएगा।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस व निर्यात सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के जीडीपी के 6.9-7.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है।
आरबीआई के अनुमान से है अधिक
एसबीआई का यह अनुमान आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। आगामी 30 नवंबर को दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की जीडीपी विकास दर का आंकड़ा जारी किया जाएगा।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 7.8 प्रतिशत रही। हालांकि एसबीआई ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर चिंता भी जाहिर की है, लेकिन यह भी कहा है कि अगले साल नवंबर में अमेरिका में चुनाव है और उससे पहले अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती को वहां की सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। अमेरिका में तेजी आने से भारतीय व्यापार को फायदा मिलेगा।
इस कारण से मिला अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन
बुधवार को जारी एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि के बेहतर प्रदर्शन के साथ केंद्र व राज्य दोनों ही सरकार की तरफ से पूंजीगत खर्च से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिला है।
केंद्र अपने बजटीय प्रविधान का 49 प्रतिशत तो राज्य 32 प्रतिशत पूंजीगत व्यय का हिस्सा खर्च कर चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन पहली तिमाही की तरह ही मजबूत दिख रहा है। वहीं सर्विस निर्यात की मदद से कुल निर्यात में भी सकारात्मक बढ़ोतरी है और इससे भी दूसरी तिमाही के जीडीपी विकास को समर्थन मिलता दिख रहा है।